बता दें कि इसके साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से श्रमदान कर अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला। बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक सभी ने एकजुट होकर बांध की सफाई में योगदान दिया।
एक लक्ष्य से काम करने पर बदलाव संभव
इस सामूहिक प्रयास ने यह संदेश दिया कि जब लोग एक लक्ष्य के लिए मिलकर काम करते हैं तो बड़े बदलाव संभव हैं। मिट्टी हटने और झाड़ियां साफ होने से बांध में वर्षा जल संचयन की क्षमता बढ़ने की उम्मीद जगी है। ग्रामीणों ने बताया कि यह अभियान क्षेत्र के जल संकट को दूर करने की दिशा में एक नई शुरुआत है।
आज ये लोग किए श्रमदान
अभियान के तहत आज (रविवार) को भी श्रमदान जारी रहा। आमेर रोड विकास समिति के सदस्य सुबह 8 बजे अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा के नेतृत्व में श्रमदान किए। वहीं, राजस्थान राज्य एकीकृत कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी और सदस्य भी सुबह 8 बजे से सफाई अभियान में शामिल होंगे।
सभी संगठनों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से रामगढ़ बांध पहुंचकर श्रमदान करने की अपील की है, ताकि वर्षा से पहले बांध की जलधारण क्षमता को बेहतर किया जा सके और क्षेत्र में पानी का संकट कम किया जा सके।