रामलीला मैदान में होने वाली इस सभा के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने जयपुर और उसके आसपास के आठ जिलों – दौसा, टोंक, अजमेर, सीकर, झुंझुनूं और सवाई माधोपुर से अधिक से अधिक भीड़ जुटाने पर फोकस किया है। इसके लिए विधायकों, सांसदों, जिलाध्यक्षों, पीसीसी संभाग प्रभारियों और जिला प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य वरिष्ठ नेता भी संबोधन करेंगे। कांग्रेस इस रैली के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान विरोधी नीतियों और लोकतंत्र को कमजोर करने के आरोप लगाएगी। पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को प्रभावित कर रही है और आम जनता के अधिकारों का हनन कर रही है।
कांग्रेस इस रैली को केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक व्यापक आंदोलन के रूप में देख रही है। पार्टी विशेष रूप से आरक्षित वर्ग – दलित, अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लुभाने की रणनीति पर भी काम कर रही है। इसके तहत कांग्रेस देशभर में ‘संविधान बचाओ रैलियां’ आयोजित करेगी, ताकि इन वर्गों के बीच अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत किया जा सके।
कांग्रेस इस अभियान के जरिए न केवल भाजपा पर सीधा हमला करेगी, बल्कि आगामी चुनावों के मद्देनजर जनसमर्थन भी हासिल करने का प्रयास करेगी।