गहलोत ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि उदयपुर में घटित कन्हैयालाल हत्याकांड को भाजपा ने चुनावों में मुद्दा बनाया और जमकर राजनीति की, लेकिन घटना के बाद उसी रात केस NIA को सौंप दिया गया। यह एजेंसी केंद्र सरकार के अधीन है, परंतु आज तक इस सीधे-सपाट केस में न्याय नहीं मिल पाया।
उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं चलाया जा रहा है। NIA कोर्ट जयपुर में विचाराधीन यह मामला अब तक लटका हुआ है, और पिछले छह माह से इसमें कोई सुनवाई नहीं हुई। गहलोत के अनुसार, पहले गवाहों के बयान चल रहे थे लेकिन तीन मुख्य गवाहों के बयान अब तक दर्ज नहीं हो सके हैं। चिंताजनक बात यह है कि गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को जमानत भी मिल चुकी है।
गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान पुलिस ने मात्र चार घंटे में अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था। राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा और उनके दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी दी थी, लेकिन भाजपा ने इसे लेकर झूठा प्रचार किया कि केवल 5 लाख रुपए दिए गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि यदि यह केस राजस्थान पुलिस के पास ही रहता, तो संभवतः हमारी सरकार के कार्यकाल में ही दोषियों को सजा मिल चुकी होती। उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मकसद केवल राजनीति करना है, न्याय दिलाना नहीं।
गहलोत के इस बयान से एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है और अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार व NIA इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं।