इस वर्ष की रथयात्रा विशेष इसलिए भी है क्योंकि पहली बार एक मुस्लिम परिवार ने भगवान जगन्नाथ के लिए रथ का निर्माण किया है। जयपुर निवासी इमरान खान और उनकी टीम ने करीब एक महीना 26 दिन में इस रथ को तैयार किया है। यह रथ 25 फीट ऊंचा और लगभग 2000 किलोग्राम वजनी है। इसमें प्लाई, सागवान, बबूल और सरई की लकड़ी का प्रयोग हुआ है। निर्माण पूरी तरह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया है, और पुरी के श्री जगन्नाथ सेवक समिति के सदस्य दत्तदेव दास के मार्गदर्शन में इसका निर्माण हुआ। इमरान खान ने इसे सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया है।
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जयपुर के रथ पर पुरी की शिल्पकारी
रथ का निर्माण जयपुर के ऑटोमोबाइल नगर में किया गया, जिसमें पुरी के महारणाओं की पारंपरिक शैली और आधुनिक तकनीक का अनूठा संगम है। हाइड्रोलिक तकनीक के प्रयोग से इसकी ऊंचाई साढ़े चार फीट तक घटाई-बढ़ाई जा सकती है, जिससे यात्रा मार्ग में बिजली के तारों व कम ऊंचाई वाले दरवाजों से रथ सुरक्षित निकल सके। रथ का रंग संयोजन पुरी के रथ की भांति पीला, हरा, नीला और लाल रखा गया है, जिसे पारंपरिक सजावट से संवारा गया है।
पुरी से लाई गई थी मूर्तियां
श्री सेवक देवज्योति राय ने बताया कि पुरी से लाई गई इन मूर्तियों को पुरी के पुजारी नरसिंह सतपथी द्वारा पूजा अर्चना कर, शंकराचार्य के आशीर्वाद सहित जयपुर भेजा गया था। अब ये मूर्तियां राधारमण खाटूश्याम मंदिर, प्रतापनगर में प्रतिष्ठापित हैं। जयपुर रथयात्रा पर पुरी से लाया गया विशेष ध्वज फहराया जाएगा।