राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में नरेश मीणा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि अगर एक जनप्रतिनिधि इस तरह की हरकत करेगा, तो समाज में क्या संदेश जाएगा?
उधर नरेश मीणा के वकील ने मामले को मामूली मामला बताते हुए जमानत की मांग की । दोनों पक्ष को सुनने के बाद न्यायाधिपति अनिल कुमार उपवन ने नरेश मीणा को जमानत देने से इनकार कर दिया।
मंगलवार को सुनवाई शुरू होते ही व्यस्तता के चलते न्यायाधिपति ने दोबारा सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख दी थी। इससे पहले 12 मार्च को इस मामले में सुनवाई हुई थी। उस समय भी व्यस्तता के चलते न्यायाधिपति अनिल कुमार उपवन ने सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख दी थी। एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने बताया कि नरेश मीणा के इस केस की सुनवाई शुरू होते ही व्यस्तता के चलते जमानत पर सुनवाई के लिए आगे की तारीख दे दी ।
निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों की मांग वाजिब बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था। मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। दूसरे दिन 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था।