दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान टीकाराम जूली बिजली से जुड़े एक और पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने इसकी अनुमति नहीं दी। स्पीकर ने तर्क दिया कि जूली को पहले ही दो पूरक प्रश्न पूछने की अनुमति दी जा चुकी थी और नियमों के अनुसार इससे अधिक की इजाजत नहीं दी जा सकती।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने इसे विपक्ष का अधिकार बताते हुए आपत्ति जताई, जिसके बाद उनकी स्पीकर से बहस हो गई। कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और सदन की कार्यवाही में बाधा डाली।
स्पीकर देवनानी ने दी कड़ी चेतावनी
कांग्रेस विधायकों के हंगामे पर नाराजगी जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि इस तरह करोगे तो सहयोग की उम्मीद मत करना, मुझे कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर मत करो। उन्होंने कांग्रेस विधायकों से बार-बार अपील की कि सत्र का अंतिम दिन है, इसे शांतिपूर्वक चलने दें, यह अच्छी परंपरा नहीं है, लेकिन हंगामा जारी रहा। इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगराम पटेल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे बेवजह सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर तीन बार अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस केवल हंगामे की राजनीति कर रही है।
महत्वपूर्ण विधेयकों पर होनी है बहस
बताते चलें कि विधानसभा सत्र के अंतिम दिन तीन अहम विधेयकों पर चर्चा और मतदान प्रस्तावित है। पहला है, पुराने और गैर-जरूरी हो चुके 45 कानूनों को समाप्त करने वाला विधेयक। दूसरा, कोचिंग छात्रों की आत्महत्याएं रोकने और कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने संबंधी विधेयक और तीसरा, शहरी विकास प्राधिकरणों के नियमों में बदलाव से जुड़ा विधेयक। इन विधेयकों के पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने की संभावना है।