बैठक में बताया गया कि शाला स्वास्थ्य परीक्षण अभियान के अंतर्गत आयोजित होने वाले इन शिविरों में न सिर्फ विद्यार्थियों, बल्कि विद्यालय परिवहन सेवा से जुड़े चालकों (ड्राइवरों) की भी आंखों की जांच नि:शुल्क की जाएगी। जांच के पश्चात जिन्हें आवश्यकता होगी, उन्हें नि:शुल्क चश्में भी प्रदान किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों की दृष्टि संबंधी समस्याओं को समय पर पहचानकर उनके अध्ययन में बाधा को दूर करना है।
इसके साथ ही बैठक में कई अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। कुणाल ने निर्देश दिए कि मिड डे मील संबंधित डेटा को शीघ्रता से शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट किया जाए। नामांकन प्रक्रिया की प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर ड्रॉपआउट रोकने के प्रयास तेज किए जाएं और नामांकन डेटा को विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाए।
शिक्षा सचिव ने स्टूडेंट अटेंडेंस ऐप के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि कक्षा 1 से 5 और 6 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को समय पर टेक्स्ट बुक्स और वर्कबुक्स उपलब्ध कराई जाएं, ताकि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही अध्ययन कार्य बाधारहित रूप से प्रारंभ हो सके।
इस प्रकार शिक्षा विभाग ने न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों बल्कि उनके स्वास्थ्य और सुविधा का भी संपूर्ण ख्याल रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो आगामी सत्र में गुणात्मक सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।