इस बदलाव के चलते सम्मान पाने वाले व्यक्तियों की संख्या में कमी आने की आशंका है। खासकर राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित होने वालों की संख्या में गिरावट आएगी। विभाग के इस निर्णय से कई भामाशाहों में रोष देखा जा रहा है। गौरतलब है कि भामाशाह सम्मान समारोह आगामी 28 जून को आयोजित किया जाना है।
दान का अब यह सम्मान
शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब वे दानदाता जो पहले की गाइडलाइनों के आधार पर एक लाख से साढ़े चार लाख रुपए तक का दान कर चुके हैं, उन्हें अब सम्मान नहीं मिलेगा। पहले एक लाख रुपए से अधिक दान करने वालों को भी जिला स्तरीय सम्मान दिया जाता था। इसी प्रकार, राज्य स्तरीय सम्मान के लिए पहले 15 से 30 लाख रुपए के बीच दान देने वाले पात्र माने जाते थे। अब इन दानदाताओं को भी केवल जिला स्तरीय सम्मान तक सीमित कर दिया गया है। नए नियमों की पुनर्समीक्षा आवश्यक
पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र शर्मा ’हंस’ ने कहा कि स्कूलों में दान देने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक लोग शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते हैं। ऐसे में छोटे दाताओं का भी सम्मान जरूरी है। विभाग को सभी को समान रूप से मान्यता देनी चाहिए। नए नियमों की पुनर्समीक्षा आवश्यक है।
पिछले साल भी बदले थे नियम
विभाग ने पिछले वर्ष भी भामाशाह समान की पात्रता में बदलाव किए थे। तब भी राज्य स्तरीय सम्मान के लिए पात्रता सीमा को 30 लाख रुपए कर दिया गया था। हालांकि विरोध के बाद इस निर्णय में संशोधन करते हुए 15 लाख रुपए से अधिक दान देने वालों को राज्य स्तरीय सम्मान दिया गया।