बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए इन लोगों में से बड़ी संख्या में यहां परिवार सहित रह रहे थे। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं यहां रहने वाले परिवारों के घर घरेलू कामकाज कर रहीं थी। इनके अलावा पुरुष कबाड़ी, खान मजदूरी, ईंट-भट्टों में मजदूरी, कचरा बीनने या बेलदारी जैसे काम कर रहे थे। कुछ की अपराधों में भी लिप्तता सामने आती रही है।
341 बच्चे भी शामिल
वापसी के लिए चिन्हित 1001 बांग्लादेशियों रोहिंग्याओं में 341 बच्चे और 284 महिलाएं भी शामिल हैं। शेष 376 पुरुष हैं। इनको चरणबद्ध तरीके से भेजा जाएगा। यहां मिले कम
दौसा- 05
डीडवाना-कुचामन- 04
करौली- 03
बीकानेर- 02
कोटा- 02
पाली- 01
टॉप 5 जिले
डीडवाना-कुचामन- 394
जयपुर- 218
अलवर- 103
कोटपूतली-बहरोड- 117
भिवाड़ी- 67 लगातार कड़ी निगरानी
अवैध रूप से रह रहे इन बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं की वापसी की प्रक्रिया की गृह विभाग निगरानी कर रहा है। इनको रखने के लिए हर जिले में होल्डिंग सेंटर बनाए गए हैं।
14 जिलों से चिह्नित
इन लोगों को प्रदेश के 14 जिलों से चिन्हित किया है, जिनमें एक तिहाई से अधिक सीकर में पकड़े गए। सीकर जिले में अवैध रूप से रहने वाले 148 लोगों को वापस भेजा जा रहा है।
ऐसे शुरू हुआ वापसी का अभियान
-30 अप्रैल: सरकार ने अवैध बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान शुरू करने के निर्देश दिए -8 मई: केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने प्रत्यर्पण के लिए हर जिले में विशेष टास्क फोर्स व होल्डिंग सेंटर बनाने को कहा