Rajasthan: राजस्थान में नकली उर्वरक, कृषि निदेशालय की खुली पोल, अब केंद्रीय मंत्रालय ने अपनाया सख्त रुख
Fake Fertilizer in Rajasthan: लेटलेतीफ कार्रवाई ने कृषि विभाग के लचर रवैए की पोल खोली, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा। फाइल फोटो- एक्स हैंडल
राजस्थान में 13 फर्मों ने अमानक उर्वरक बाजार में बेच दिया। वह किसानों के खेतों में खप गया। कृषि निदेशालय ने उन फर्मों के खिलाफ जांच करवाकर लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई में दो साल लगा दिए। जांच में अमानक उर्वरक बनाकर देशभर के बाजारों में बेचने की पुष्टि हुई। लेटलेतीफ कार्रवाई ने कृषि विभाग के लचर रवैए की पोल खोल दी है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
पिछले एक-दो साल के भीतर कृषि विभाग ने राज्य के कुबेर फर्टिकैम रींगस जयपुर, क्रिस्टा क्रोप साइंस प्रा. लि., इंडिया बायोटेक एंड केमिकल्स श्रीगंगानगर, हरिसन रसायन प्रा. लि. जयपुर, मोनटेक्सो एग्रीटेक सोल्यूशन्स प्रा. लि. श्रीगंगानगर, इंडियन पोटाश लि. जयपुर, जयपुर बायो फर्टिलाइजर्स, उज्जवला केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स हनुमानगढ़, जी.एस. क्रोप साइंस श्रीगंगानगर, रॉयल केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स सीकर, न्यू कैम एग्रो प्रा. लि. जयपुर, साधना फास्फेट ऐड केमिकल्स लि. उदयपुर, मेक्लोयड्स क्रोप प्रोटेक्शन एंड केमिकल जयपुर में बनाए जा रहे उर्वरक के नमूने लिए थे।
इनकी जांच विभाग की विभिन्न क्वालिटी कंट्रोल लैब में की गई। सभी फर्मों के उर्वरक में गुणवत्ता वाले सक्रिय तत्व शून्य पाए गए। विभाग ने 4 अप्रेल 2025 को इन फर्मों के उर्वरक उत्पादन व बिक्री लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की, लेकिन इनकी फैक्ट्री को सीज नहीं किया गया। कार्रवाई में समय लगने तक फर्मों ने नकली उर्वरक बाजार में बेच दिया।
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धरती भी बंजर हुई…
चोरी-छिपे नकली खाद का उत्पादन कैसे हो रहा था, इसकी एक साल की पूरी जानकारी मांगी गई है। इससे किसानों का तो अहित हुआ ही, धरती को बंजर बनाने का गुनाह भी किया गया। पूरे मामले की गहन जांच होगी और दोषी अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भागीरथ चौधरी, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री