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जयपुर

वेंडर्स बोले…वेंडिंग जोन बनाओ, सुविधाएं दिलवाओ…सिर्फ एक्शन मत दिखाओ

राजधानी में 80 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनमें से ज्यादातर को कार्रवाई का डर लगा रहता है। कार्रवाई के नाम पर निगम का दस्ता आता है और ठेलों का उठाकर ले जाता है। जबकि, यह शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और खान-पान के ढेरों विकल्प भी मिल जाते हैं। इसके बावजूद राजधानी […]

जयपुरFeb 11, 2025 / 05:46 pm

Amit Pareek

jaipur
राजधानी में 80 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनमें से ज्यादातर को कार्रवाई का डर लगा रहता है। कार्रवाई के नाम पर निगम का दस्ता आता है और ठेलों का उठाकर ले जाता है। जबकि, यह शहर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और खान-पान के ढेरों विकल्प भी मिल जाते हैं। इसके बावजूद राजधानी की दोनों शहरी सरकारें इनको व्यवस्थित करने की बजाय उजाड़ने में लगी हैं।
दोनों नगर निगम ने इन वेंडर्स पर सिर्फ कार्रवाई की। इनके लिए वेंडिंग जोन बनाकर छोड़ दिए। जब तक वहां सुविधाएं नहीं होंगी, तब तक वेंडर्स वहां व्यापार कैसे करें? नियमित रूप से टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक न होने से वेंडर्स की समस्याओं को न तो सुना जा रहा है और न ही समाधान हो पा रहा है।
अभी ये हो रहा

वेंडिंग जोन सही तरह से नहीं बनाए गए। जहां बनाए, वहां सुविधाओं का टोटा है। ऐसे में ठेले वाले सड़कों पर कब्जा जमा लेते हैं। इससे यातायात बाधित होता है और शिकायत पर निगम कार्रवाई करने के लिए पहुंच जाता है। दोनों नगर निगम की सतर्कता शाखा के साथ-साथ जेडीए भी इन पर कार्रवाई करता है।
ये हो तो दिखे व्यवस्था

वेंडिंग जोन बेहतर किए जाएं। जहां सुविधाएं हों और वेंडर्स को जगह दी जाए। शहर में बजाज नगर और रिद्धि सिद्धि चौराहे पर इनको व्यवस्थित तरीके से काम करते देखा जा सकता है। वहीं, वैशाली नगर, सहकार मार्ग, राजापार्क से लेकर परकोटा के बाजारों में अव्यवस्थित ठेले लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
वेंडर्स का ये दर्द

-न्यायालय के आदेश और राज्य सरकार के निर्देशों की पालना नहीं की जा रही। वेंडर्स के जोन व्यवस्थित किए जाएं, ताकि आसानी से व्यवसाय कर सकें।

-ग्रेटर व हैरिटेज निगम और जेडीए वीआइपी आवागमन के नाम पर ठेलों को उठा ले जाते हैं। इस कार्रवाई को रोका जाए।
-वेंडर्स का सर्वे निगम कर रहा है, जो सरासर गलत है। टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों को साथ लेकर सर्वे को पूरा कराया जाए।

-टाउन वेंडिंग कमेटी की मीटिंग नियमित रूप से की जाए ताकि, वेंडर्स की समस्या का समाधान समय रहते हो पाए।
ये भी जानें

-85 वेंडिंग जोन घोषित किए थे गुलाबी नगर में वर्ष 2017 में

-22 हजार वेंडर्स का अब तक सर्वे किया जा चुका राजधानी में

-33 हजार ठेले वाले पीएम स्व निधि योजना के तहत ले चुके लोन
-10 से 50 हजार रुपए तक का मिलता है वेंडर्स को रोजगार के लिए लोन

हैरिटेज में 11 माह पहले कमेटी की बैठक हुई थी। ग्रेटर में दो माह पहले हुई बैठक का कोई हल नहीं निकला। एक तरफ वेंडर्स को केंद्र सरकार लोन दे रही है और शहरी सरकारें रोजगार को उजाड़ने का काम कर रही हैं। हमारी राज्य सरकार से मांग है कि वेंडर्स जोन विकसित करें। इससे सभी बिना किसी डर के व्यापार कर सकेंगे।
-बनवारी लाल शर्मा, अध्यक्ष, हैरिटेज थड़ी ठेला यूनियन

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