भले ही ट्रांसपोर्ट नगर से बसों का संचालन शुरू हो गया हो, लेकिन इनमें से भी ज्यादातर बसें सिंधी कैंप तक जाती हैं। इससे मुख्य सड़कों पर वाहनों का दबाव बना हुआ है। यदि बसों को ट्रांसपोर्ट नगर ही रोका जाए तो शहर के अंदर वाहनों के दबाव से निजात मिले।
एक अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 1300 बसें आती-जाती हैं। मौजूदा समय में भले ही सिटी बसों का टोटा है, लेकिन आने वाले कुछ माह में बसों की संख्या बढ़ेगी। इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ऐसे में शहर के बाहर सरकारी और निजी बसों को रोका जाने लगेगा।
अजमेर से 250 बसें रोज आ रहीं शहर में
अजमेर रोड स्थित हीरापुरा बस टर्मिनल बनकर तैयार है। पिछले छह माह से यहां बसों के संचालन की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक संचालन शुरू नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो रोडवेज के पास स्टाफ का अभाव है। इस रूट से जयपुर में करीब 250 बसें प्रवेश करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन बसों में नौ हजार यात्री होते हैं।ये हाल: दिल्ली रोड पर अस्थायी बस स्टैंड
बजरी मंडी से बसों का संचालन शुरू हुआ है, वो अस्थायी बस स्टैंड नजर आता है। यहां बसों के खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। ग्रीन बैल्ट के एक हिस्से को बसों के लिए उपयोग किया जा रहा है। स्थायी बस स्टैंड की कवायद चल रही है। जेडीए ने अचरोल में जगह आवंटित की थी, लेकिन परिवहन विभाग को पसंद नहीं आई। दिल्ली की ओर से जयपुर में करीब 300 बसों का प्रवेश होता है और 10 से 12 हजार यात्री प्रवेश करते हैं। यह भी पढ़ें