जयपुर ग्रामीण एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि एक सप्ताह पहले शेख मोहमद व सांवरमल कुमावत निवासी रेनवाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 17 मार्च की रात चौमूं रोड रेनवाल में चोर एक दुकान का ताला तोड़कर इनवर्टर, बैटरियां, सीसीटीवी डीवीआर चुरा ले गए। वहीं रेनवाल के बाग के बालाजी स्थित एक दुकान का शटर तोड़कर करीब 1 क्विंटल तांबा, स्क्रैप आदि ले गए।
मामला दर्ज होने के बाद एएसपी मुख्यालय रजनीश पूनिया के निर्देशन में जोबनेर सीओ प्रियंका वैष्णव व रेनवाल थानाधिकारी देवेंद्र चावला ने टीम का गठन किया और घटना के बाद टीम ने आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले और एसयूवी के नंबरों के आधार पर संदिग्धों पर नजर रखी। महिला व उसके सहयोगी को चिन्हित कर उनसे पूछताछ की गई तो आरोपियों ने चोरी की वारदातों को अंजाम देना कबूल लिया।
उन्होंने सीकर, डीडवाना, कुचामन व रेनवाल में कई वारदातों को अंजाम दिया। थानाधिकारी देवेन्द्र चावला ने बताया कि गिरोह की सरगना लक्ष्मा बावरिया पत्नी दानाराम निवासी कच्ची बस्ती हसमपुरा, भांकरोटा, पूरण उर्फ फलों बावरिया निवासी मालेड़ा थाना नरैना व कबाड़ी पोमी पुत्र नंदकिशोर खटीक निवासी नकासा मोहल्ला सांभर को गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड लक्ष्मा के खिलाफ लूट, डकैती-चोरी, नकबजनी के पाली, जोधपुर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण के विभिन्न पुलिस थानों में करीब 10 अधिक मामले दर्ज हैं।
खुलासे में इनकी अहम भूमिका
वारदात का खुलासा करने में जोबनेर थानाधिकारी सुहैल खान, रेनवाल थाना प्रभारी देवेंद्र चावला, जोबनेर थाने के एएसआई मनोहर, रेनवाल थाने के कांस्टेबल प्रकाश, सुरेश एवं मुकेश की अहम भूमिका रही। गिरोह को लीड करती है महिला
पुलिस ने बताया कि नकबजन गिरोह के सदस्य दिन में बाइक पर रैकी कर दुकानों व फैक्ट्रियों को चिन्हित करते। रात को एसयूवी में सवार होकर आते और ताले तोड़कर तांबा वायर व बैटरी चोरी कर ले जाते हैं। इसके बाद चोरी का सामान कबाड़ियों को बेच देते हैं। गिरोह ने 17 व 18 मार्च को रेनवाल, डूंगरी, भैंसलाना, करणसर व इटावा में सात वारदातों को अंजाम दिया था।
चोरी के बाद सभी आरोपी जयपुर जिले में रहे और जगह बदलते रहे। लक्ष्मा पूरे गिरोह को लीड करती है और रैकी के बाद अपने साथियों के साथ वारदातों को अंजाम देती है। वह गिरोह के सदस्यों के साथ रहकर उनका बचाव करती। महिला होने के नाते उस पर कोई शक नहीं करता था।