आस्था और शौर्य का संगम
तनोटराय मंदिर युद्धकाल के दौरान चमत्कारी रूप से सैनिकों की रक्षा का प्रतीक बन चुका है।वर्ष 1965 और 1971 के युद्धों में गोले यहां गिरकर भी नहीं फटे।
तनोट से लगभग 40 किमी दूर लोंगेवाला युद्धभूमि, 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की विजयगाथा की साक्षी है।

बबलियानवाला पोस्ट नया आकर्षण
सीमा सुरक्षा बल की बबलियानवाला पोस्ट तनोट से 18 किलोमीटर दूर है, यह आम सैलानियों के लिए खोल दी गई है।अब यहां अटारी बॉर्डर की तर्ज पर रिट्रीट सेरेमनी शुरू करने की योजना है।
जैसलमेर पर्यटन को देगा नया आधार
अब जैसलमेर केवल सोनार किला और धोरों तक सीमित नहीं रहेगा। जब लोग देशभक्ति के साथ सीमा पर जाकर सेना की शौर्य गाथा देखेंगे, तो यह अनुभव उन्हें जीवनभर याद रहेगा। इससे पर्यटन को नई गहराई मिलेगी। मयंक भाटिया, पर्यटन व्यवसायी
जैसलमेर पर्यटन को मिलेगी गति
बॉर्डर टूरिजम को लेकर राजस्थान पर्यटन विभाग पूरी तरह सक्रिय है। तनोट क्षेत्र में सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। आने वाले समय में और भी स्थान आम पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे, जिससे जैसलमेर पर्यटन को नई गति मिलेगी।कमलेश्वर सिंह, सहायक निदेशक, पर्यटक स्वागत केंद्र, जैसलमेर