मंत्री के दौरे के बाद
राष्ट्रीय धरोहर होने के नाते सोनार दुर्ग के रख-रखाव का मुख्यत: जिम्मा एएसआई के हवाले ही है। गौरतलब है कि पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग के मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने गत दिनों सोनार दुर्ग का पैदल भ्रमण किया था। उन्होंने मार्ग भर में किले की दीवारों व अन्य हिस्सों का जायजा लिया था। तब साथ चल रहे विभागीय अधिकारियों से उन्होंने कहा था कि दुर्ग की चढ़ाई चढऩे के दौरान नजर आने वाले हिस्सों की टूट-फूट को तुरंत दुरुस्त करवाया जाए। इसके साथ ही जरूरी निर्माण मौलिक शैली में पूरा करवाएं। विभाग के मंत्री के निर्देशों का साफ असर एएसआई पर नजर आ रहा है। दुर्ग की अखे प्रोल से सटे चुग्गाघर को हटवाए जाने के बावजूद वहां लगे ध्वज को स्थानांतरित नहीं किया जा सका था। केंद्रीय मंत्री के दौरे के बाद ध्वज भी स्थानांतरित हुआ, जिससे हाल में नगरपरिषद ने चुग्गाघर स्थल का बाकी हिस्सा खुदवा दिया।
बाहरी दीवारों पर भी काम
दुर्ग के चारों ओर बने परकोटे की जर्जर दीवारों के सुधार कार्य में भी एएसआई की तरफ से गति लाई गई है। वर्तमान में शिव मार्ग के हिस्से वाले परकोटे में 3-4 जगहों पर मरम्मत व पुनर्निर्माण का कार्य जारी है। इन सभी कार्यों से आगामी बरसाती सीजन से पहले इस सैकड़ों वर्ष प्राचीन धरोहर की सुरक्षा भी पुख्ता हो रही है। इससे किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की आशंका भी कम हुई है।
पर्यटन सीजन से पहले कार्य
इन दिनों तेज गर्मी के कारण पर्यटन सीजन लगभग ऑफ है। ऐसे में काम करने में भी सुभीता हो रहा है और आने वाले पर्यटन सीजन से पहले आवश्यक कार्य पूरे हो जाने से देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के सामने दुर्ग का बदला हुआ स्वरूप भी सामने आ सकेगा। लम्बे अर्से से दुर्ग के जर्जर हिस्सों की वजह से पर्यटकों के सामने गलत तस्वीर बन रही थी।