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जैसलमेर

रेगिस्तान के पहरेदारों को नया ठिकाना, सीमावर्ती ग्रामीणों को सौंपे गए सेवा पूरी कर चुके ऊंट

रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट, जिन्होंने एक दशक तक सीमाओं की रक्षा में बीएसएफ का साथ निभाया, अब अपने जीवन की नई पारी शुरू करेंगे।

जैसलमेरMar 28, 2025 / 08:42 pm

Deepak Vyas

jsm
रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंट, जिन्होंने एक दशक तक सीमाओं की रक्षा में बीएसएफ का साथ निभाया, अब अपने जीवन की नई पारी शुरू करेंगे। 92 बटालियन बीएसएफ ने इन सेवानिवृत्त ऊंटों को सीमावर्ती ग्रामीणों को सौंपकर न केवल उनकी उपयोगिता को बनाए रखने की पहल की, बल्कि ग्रामीणों के लिए आजीविका के नए द्वार भी खोल दिए।

नए सफर की शुरुआत, ऊंटों को मिला सम्मान

बीएसएफ के इन ऊंटों ने वर्षों तक सीमाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई। अब जब वे सेवा से मुक्त हुए, तो उन्हें सम्मानपूर्वक ग्रामीणों को सौंपा गया, ताकि वे परिवहन और पर्यटन के क्षेत्र में लाभदायक सिद्ध हों। जैसलमेर नॉर्थ सेक्टर मुख्यालय के उप महानिरीक्षक योगेन्द्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में सीमा चौकी सकीरेवाला में यह अनूठा आयोजन हुआ। कमाण्डेन्ट संजय चौहान के नेतृत्व में आठ ऊँटों को सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों को सौंपा गया।

बीएसएफ की दूरदर्शी पहल, ग्रामीणों को मिली नई सौगात

कमाण्डेन्ट संजय चौहान ने इस अवसर पर कहा कि इन ऊंटों का सीमावर्ती ग्रामीणों को सौंपा जाना उनकी उपयोगिता को बनाए रखने का एक सकारात्मक प्रयास है। इन ऊंटों के माध्यम से ग्रामीणों को न केवल आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि वे इनका उपयोग पर्यटन गतिविधियों में भी कर सकेंगे, जिससे उनकी आजीविका को मजबूती मिलेगी। प्रशिक्षित ऊंट होने के कारण इन्हें कम संसाधनों में भी आसानी से पाला जा सकता है।

ग्रामीणों ने जताया आभार, ऊंटों की देखभाल का लिया संकल्प

कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों ने बीएसएफ की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए ऊंटों की जिम्मेदारी ग्रहण की और उनकी उचित देखभाल का संकल्प लिया। इस अवसर पर सहायक कमाण्डेन्ट टी. गुइटे सहित बीएसएफ के जवान और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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