रविवार को उप तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट ललित चारण, भू जल वैज्ञानिक डॉ नारायण दास इणखियां के अलावा मोहनगढ़ व पीटीएम पुलिस थाना के अधिकारी मौजूद रहे। मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में एक खेत में ट्यूबवेल की 850 फीट से अधिक खुदाई के करने के दौरान जमीन फूटा पानी का फव्वारा दूसरे दिन भी जारी रहा। जमीन से तेज गति से पानी के निकलने की वजह से ट्यूबवेल खुदाई मशीन व ट्रक वहीं पर फंस गए थे, जो देर रात्रि तक पानी की वजह से हुए गहरे गड्ढे में समा गए।
सुबह खुदाई मशीन व ट्रक कहीं नजर ही नहीं आए। लगातार एक ही वेग से निकल रहे पानी की वजह से आसपास के किसानों की चिंता बढा दी है। अभी भी किसानों की सांसे अटकी हुई है। आसपास के खेतों में जीरो, ईसब, चणा, सरसों आदि फसलें लहलहा रही है। किसानों को आशंका सता रही है कि यदि पानी नहीं थमा तो एक मुरब्बे से दूसरे मुरब्बे में पानी जा सकता है और फसलें पूरी तरह से नष्ट होने की आशंका है।
कंपनियों ने लिए सेंपल
नहरी क्षेत्र के 27 बीडी के चक तीन जोरावाला माइनर में दो दिन से निकल रहे भूमिगत जल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। रविवार को भी काले रंग का पानी निकलता रहा। चिकनी मिट्टी की वजह से खेत में काली परत छा गई। रविवार को ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, केयर्न इंडिया एनर्जी की टीमे मौके पर पहुंची। टीमों ने सेम्पल लिए गए। लेब में जांच के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायणदास इणखिया का कहना है कि भूमि से पानी उसी वेग से निकल रहा है। गैस के साथ निकल रहे पानी में भूमिगत चिकनी मिट्टी भी निकल रही है। इस मिट्टी की वजह से फसलों को नुकसान होने की आशंकाहै। जिस खेत कें पानी भरा है, वह फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। उप तहसीलदार ललित चारण का कहना है कि पानी अभी भी निकल रहा है। रविवार को ऑयल इंडिया, ओएनजीसी, केयर्न एनर्जी की टीमें मौके पर पहुंची थी।
जिन्होंने पानी व मिट्टी के सेम्पल लिए है। जिसकी लेब में जांच की जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही हो पाएगी। भूमि से निकल रहे पानी वाले इलाके में प्रशासन व पुलिस की ओर से निगरानी की जा रही है।