इन इलाकों में हालात बदहाल
कस्बे के आडा बाजार में करीब एक दशक पूर्व डामर सडक़ बनाई गई थी। सडक़ लंबे समय से क्षतिग्रस्त हालत में हैं। गत दिनों हुई बारिश के बाद तो यहां से निकलना मुश्किल हो गया है। गहरे गड्ढ़ों के कारण आए दिन दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे है। ऐसे में राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह भूतड़ों की गली, खींवज बास, मालियों का बास और जोधनगर सहित कई गली मोहल्लों में सडक़ों की हालत वर्षों से जस की तस बनी हुई है।
यहां हो रहा जोखिम भरा सफर
सडक़ों पर बने गहरे गड्ढ़े दुपहिया वाहन चालकों के लिए हादसे का सबब बने हुए है। रात में पर्याप्त रोशनी नहीं होने के कारण हादसे की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसके साथ ही बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है। क्षतिग्रस्त सडक़ों की समय रहते मरम्मत या नवनिर्माण नहीं किया जाता है तो समस्या और भी बढ़ सकती है। ऐसे में हादसे का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके नगरपालिका की ओर से सडक़ों की मरम्मत या नवनिर्माण को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।
ग्रेवल भी नहीं हो रही कारगार
कई बार नगरपालिका की ओर से गड्ढ़ों में ग्रेवल डालकर इतिश्री कर ली जाती है और सडक़ों की मरम्मत नहीं की जा रही। ग्रेवल कुछ ही दिनों में वाहनों के साथ निकल जाती है। कई बार बारिश हो जाने से ग्रेवल भीगकर फिसलन बढ़ा देती है, जिससे राहगीरों के गिर जाने और बाइक सवारों के रपट जाने से आशंका बढ़ जाती है।
हादसे की भी आशंका
आडा बाजार में सडक़ पूरी तरह से टूटकर बिखर चुकी है, साथ ही गहरे गड्ढ़े हो गए है। ऐसे में आए दिन राहगीर व बाइक सवार गिर रहे है। गड्ढ़ों के कारण यहां कभी किसी बड़े हादसे का भय बना हुआ है। वर्षों से मरम्मत का इंतजार
गलियों में वर्षों पूर्व डामर सडक़ बनाई गई थी, जिनकी मरम्मत नहीं हुई है। ऐसे में आए दिन परेशनी हो रही है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।