खतरनाक मोड़ से हो रहे हादसे
पुरानी सिंगल लेन सडक़ में ज्यादा व खतरनाक मोड़ थे। सडक़ के विस्तार के दौरान इनका निस्तारण नहीं किया गया। साथ ही कुछ जगहों पर मोड़ और भी खतरनाक हो चुके है। ऐसे में अनजान वाहन चालकों को इन मोड़ की जानकारी नहीं हो पाती है और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। सडक़ के विस्तार व सुदृढ़ीकरण के बाद वाहनों की संख्या बढऩे के साथ ही हादसों की संख्या भी बढ़ गई है। बीते कुछ वर्षों में यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है, जबकि यहां खतरनाक मोड़ के संकेतक बोर्ड लगाने, गति अवरोधक बनाने अथवा अन्य कोई समाधान कर हादसों पर अंकुश लगाने को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।
16 किलोमीटर की दूरी का अंतर
जोधपुर से जैसलमेर के लिए जब पर्यटक रवाना होते है, तब अधिकांश चालक गूगल मैप का सहारा लेते है, ताकि किसी अन्य शहर या गांव की तरफ नहीं चले जाए। गूगल मेप पर जोधपुर से जैसलमेर डालते है तो उसमें राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 से पोकरण होते हुए दूरी 282 किलोमीटर बता रहा है। जबकि बालेसर के सेखाला से जैतसर की तरफ जाने वाली ग्रिफ सडक़ से वाया भणियाणा, सांकड़ा से जैसलमेर की दूरी 266 किलोमीटर ही बताता है। ऐसे में इस मार्ग पर 16 किलोमीटर की दूरी कम है। साथ ही सडक़ निर्माण को ज्यादा समय नहीं होने के कारण अभी तक सडक़ भी अच्छी है। ऐसे में समय बराबर ही बता रहा है।
टोल राशि में 90 रुपए का अंतर
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 से पोकरण होते हुए जब वाहन चालक जोधपुर से जैसलमेर पहुंचता है तो गूगल मेप के अनुसार 230 रुपए टोल लगता है। जबकि ग्रिफ की सडक़ से भणियाणा होकर जैसलमेर पहुंचने में 140 रुपए ही टोल लग रहा है। ऐसे में टोल राशि में भी 90 रुपए का अंतर है। जिसके चलते वाहन चालक पोकरण की बजाय भणियाणा-सांकड़ा होते हुए जैसलमेर जा रहे है, लेकिन अनजान सडक़ पर खतरनाक मोड़ की जानकारी के अभाव में वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे है।