scriptMahakumbh Stampede: जालोर के श्रद्धालुओं ने महाकुंभ के दर्दनाक मंजर को आंखों से देखा, कहा- भगवान ने ही हमें बचाया | Devotees of Jalore told eyewitness account of stampede during MahaKumbh 2025 | Patrika News
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Mahakumbh Stampede: जालोर के श्रद्धालुओं ने महाकुंभ के दर्दनाक मंजर को आंखों से देखा, कहा- भगवान ने ही हमें बचाया

Mahakumbh: जालोर के कतरासन निवासी कांतिलाल परमार ने कहा कि सवेरे संगम स्नान के लिए पहुंचा तो इस कदर भगदड़ मची की मेरे पास खड़े लोग और बुजुर्ग चिंता के कारण गश खाकर गिर पड़े।

जालोरJan 31, 2025 / 08:11 am

Rakesh Mishra

Mahakumbh Stampede

पत्रिका फोटो

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार अल सवेरे आस्था की हिलोर के बीच चीख और पुकार ने सभी को हिलाकर रख दिया। धर्म और आस्था के इस महापर्व में 30 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगदड़ में जान गंवाई तो सैकड़ों लोग घायल हुए। प्रयागराज के संगम घाट पर बेरिकेट्स टूटने के बाद अव्यवस्था से यह घटनाक्रम हुआ।
इस हादसे के दौरान राजस्थान के जालोर से भी सैकड़ों लोग प्रयागराज के विभिन्न घाट क्षेत्रों पर मौजूद थे। कुछ तो हादसे वाले क्षेत्र के आस पास भी मौजूद थे। ये यहां अखाड़ा क्षेत्र में सेवा भाव से ठहरे हुए श्रद्धालु थे। झकझौर देने वाले इस घटनाक्रम को नजदीक से देखने वाले कुछ श्रद्धालुओं ने पत्रिका से साझा किए हालात।

इस तरह की है संगम घाट की स्थिति

संगम घाट पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम है। इसलिए इस क्षेत्र का विशेष धार्मिक महत्व है। इस क्षेत्र से ही नौकायन से संगम के भीतरी क्षेत्र तक पहुंचने की व्यवस्था भी है। दोहरे कारण से इस घाट पर श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ थी।
इसी क्षेत्र के पास लेटे हुए हनुमानजी (बड़े हनुमानजी) का मंदिर भी है। घाट के पास के क्षेत्र में प्राचीन किला है। ऐसे में संगम घाट से आगे आर पार सीधा कोई रास्ता नहीं है। यहां से श्रद्धालुओं को वापसी के लिए घाट क्षेत्र से ही या लेटे हुए हनुमानजी मंदिर के पास से निकासी द्वार होते हुए लौटना है।

पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर

महाकुंभ में मौजूद जालोर जिले के श्रद्धालुओं ने कहा हादसे के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट नजर आ रहा है। बुधवार सवेरे से ही व्यवस्थाओं को कायम रखने को सख्ती बरती जा रही है। दूसरी तरफ घाटों पर भी भीड़ जमा नहीं हो इस पर ध्यान दिया जा रहा है। गुरुवार सवेरे घाटों पर भीड़ सामान्य रही।

एक घंटे के भीतर बदले हालात

कतरासन निवासी कांतिलाल परमार ने कहा मैं 24 जनवरी को जालोर से प्रयागराज कुंभ के लिए गया था। यहां गोरक्षनाथ अखाड़े में ही सेवा कार्य के लिए रुका था। सवेरे संगम स्नान के लिए पहुंचा तो इस कदर भगदड़ मची की मेरे पास खड़े लोग और बुजुर्ग चिंता के कारण गश खाकर गिर पड़े। करीब एक घंटे में ही भक्तिमय माहौल में रुदन और क्रंदन सुनाई देने लगा। मैंने 5 से 7 बुजुर्ग महिला और बुजुर्ग को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।

सायला क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने देखा दर्द का मंजर

प्रयागराज महाकुंभ में हादसे के दौरान सायला क्षेत्र के भी कई श्रद्धालु मौजूद रहे, जो सुरक्षित हैं। सायला निवासी मांगीलाल राजपुरोहित एवं साथी श्रद्धालुओ ने बताया कि सभी लोग शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। मंगलवार को रात्रि में स्नान के लिए पैदल रवाना हुए। सभी यात्री उसी घाट पर स्नान करने पहुचने वाले थे, तभी भगदड़ की सूचना मिली।
तब घटनास्थल घाट से निकल गए अन्यथा हम भी हादसे का शिकार हो जाते। वही ओटवाला से गए कन्हैयालाल श्रीमाली ने बताया कि हम सोमवार को प्रयागराज कुभ में पहुंच गए थे। सोमवार को ही त्रिवेणी संगम में स्नान कर लिया था उसके बाद मंगलवार को नागा साधुओं का आखड़ा निकल रहा था, उसी दौरान एकदम से भगदड़ मच गई। श्रद्धालुओं ने कहा कि दर्दनाक मंजर में भगवान ने ही हमें बचाया।
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पांव रखने तक की जगह नहीं थी

मूल रूप से करड़ा निवासी हाल बैंगलुरु व्यवसायी भागीरथ विश्नोई संगम स्नान के लिए अल सवेरे मौके पर मौजूद थे। स्नान से पहले भगदड़ का मंजर विश्नोई ने भी देखा। विश्नोई ने कहा कि मौनी अमावस्या में पवित्र स्नान के लिए लोगों को इस कदर जमघट था कि पांव रखने को जगह नहीं थी। लोग साधु संतों के दर्शन और आशीर्वाद के लिए भी घाट के आस पास रुके हुए थे। भगदड़ में नीचे बैठे और लेटे हुए लोग हादसे का शिकार ज्यादा हुए।

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