इस राशि की रकम चंद दिनों में दुगुना होगा कहकर झांसे में ली और पूरी रकम को अपने पास रख ली। मामले की शिकायत करने जब महिलाओं ने पहले एसपी आफिस पहुंची तो वहां भी उन्हें कोई संतोषप्रद जवाब मिला। इसके बाद गुरुवार को इन्हीं महिलाओं का समुह सिटी कोतवाली पहुंच गईं। यहां भी सिटी कोतवाल ने यह कहकर महिलाओं को चलता कर दिया कि तुम लोगों के पास पैसों के लेन-देन के कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
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इसके चलते ठगी करने वाली महिला के खिलाफ किसी तरह का अपराध पंजीबद्ध नहीं किया जा सकता। वार्ड नंबर 17 की महिला बरखा रोहिदास पति पवन कुमार ने बताया कि पड़ोस की रहने वाली संक्रांति प्रधान एवं उसका पति हरप्रसाद प्रधान ने महिलाओं से कहा कि सरकार इन दिनों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अच्छी अच्छी योजनाएं चला रही है। इसके लिए बैंक से लोन निकाल लेते हैं और उक्त राशि से आत्मनिर्भरता के लिए काम करेंगे।
महिलाओं को अपनी बातों में लेकर संक्रांति प्रधान ने बैंक में खाता खुलवाए। किसी के नाम एक लाख के लोन निकाले तो किसी के नाम से दो लाख के। ऐसे आठ महिलाओं के नाम से तकरीबन 1 करोड़ रुपए के लोन निकाल लिए और पूरी रकम को खुद अपने पास रख ली। वहीं महिलाओं को जानकारी भी नहीं हुई। क्योंकि सभी महिलाओं का खाता उसके पास ही था।
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महिलाओं को जब इस बात की जानकारी तब हुई जब बैंक वालों ने तगादा भेजना शुरू कर दिया। महिलाओं में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी ओर फ्रॉड करने वाली महिला मोहल्ले से फरार हो गई है। आरोप यह भी है कि फ्रॉड करने वाली महिला अपने पति के साथ मिलकर धुरकोट में आलीशान मकान बनवाकर रह रही है।
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CG Fraud: इनके साथ हुई ठगी
इस संबंध में गुरुवार को ज्ञापन सौपने के लिए महिलाओं में सविता रोहिदास, सीता यादव, गौरी बाई, सुकवारा बाई, टिकेश्वरी रोहिदास, सुमिता देवी, निलिमा सिंह अनिता डहरिया सहित सैकड़ों की तादात में महिलाआें ने कोतवाली पहुंच माथापच्ची करतीं रहीं। लेकिन सिटी कोतवाल ने उन्हें समझाईश दी कि ठगी का कोई पुख्ता सबूत लाओ तो अपराध पंजीबद्ध करेंगे।
टीआई प्रवीण कुमार द्विवेदी का कहना है कि महिलाओं के पास फ्रॉड होने का कोई ठोस सबूत नहीं है। इसके चलते संदिग्ध महिला के खिलाफ फ्रॉड का केस दर्ज नहीं किया जा सकता। फिर भी उन्हें समझाइश दी जा रही है कि किसी तरह इस समस्या का कोई हल निकालेंगे।