उसी स्थान में फिर से आरओबी क्षतिग्रस्त होकर उखड़ने लगी है। जिससे यहां से गुजरने वाले लोग थम थमकर चलते हैं। लोगों के बीच दहशत की स्थिति तब होती है जब भारी वाहनों के गुजरने से आरओबी कंपन करने लगता है। इससे इस बात का डर सताता है कि कहीं आरओबी भर-भराकर गिर न जाए। इसकी भनक अधिकारियाें को लगी और हाल ही मरम्मत कार्य शुरू किया है।
CG News: ठेकेदार ने किया मरम्मत कार्य शुरू
आपको बता दें कि 10 साल पहले चांपा बिर्रा फाटक के में रेलवे ओवरब्रिज की स्वीकृति मिली थी। 10 साल बाद वर्ष 2022 में यह
आरओबी लोगों को आवागमन के लिए चालू किया गया था। पहली खेप में चांपा बिर्रा साइड को खोला गया था। वहीं दूसरी खेप में चांपा कोरबा रोड को खोला गया। लेकिन जैसे की चांपा कोरबा रोड में आवागमन शुरू हुआ वैसे ही कोरबा रोड का ब्रिज भर-भराकर गिर पड़ा।
इससे ठेकेदार की मनमानी का खुलासा हुआ। अब फिर उसी रूट में फिर आरओबी धंसने की कगार पर है। आरओबी पार करते वक्त लोग दहशत में रहते हैं। क्योंकि आरओबी में भारी वाहन गुजरते वक्त कंपन करने लगता है। मामले की खबर मिलते ही सेतु विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार को फटकार लगाई और मरम्मत कार्य शुरू किया गया है। आरओबी में
बेरीकेडिंग की गई है और मरम्मत किया जा रहा है।
रिहायशी इलाके के बीच बना है आरओबी
बिर्रा आरओबी के इर्द गिर्द रिहायशी इलाका है। ब्रिज के चारों दिशाओं में दर्जनों व्यावसायिक काम्प्लेक्स है। यदि आरओबी क्षतिग्रस्त हो जाए तो आसपास के व्यावसायिक काम्प्लेक्स प्रभावित होगा। इधर
अधिकारियों ने खुलकर स्वीकार की है कि यहां पर कुछ खामियां नजर आ रही है। उसे ठीक कर लिया जाएगा। जबकि हकीकत यह है कि यदि कभी भी आरओबी गिर जाए तो जिम्मेदार कौन होगा।
मरम्मत के बाद भी आरओबी की स्थिति जर्जर
54 करोड़ रुपए के इस पुल को बनाने में ठेकेदार ने जमकर भ्रष्टाचार की है। इस बात का खुलासा बीते वर्ष ही हो गया था। क्योंकि निर्माण की स्थिति में ही आरओबी पूरी तरह से जमीदोज हो चुका था।
अधिकारियों ने इसे बड़ी मुश्किल से मरम्मत कराया था। लेकिन इस बार भी उसी स्थान में आरओबी धंसने लगा है।
यदि अधिकारियों की नजर बहुत जल्द इस पर नहीं पड़ेगी तो आरओबी कभी भी भर-भराकर गिर सकता है। सेतु विभाग के एसडीओ आरके वर्मा ने कहा कि चांपा आरओबी में लोहे का एंगल क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसकी मरम्मत कराई जा रही है।