प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधायक के नेतृत्व में बाइक रैली निकाली गई। अब घर-घर बिना शोरगुल के प्रत्याशी दस्तक देंगे। सोमवार को पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। 3 नगरपालिका व 8 नपं क्षेत्रों में 50 अध्यक्ष के लिए व 607 पार्षद प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। कड़ी सुरक्षा के बीच 11 फरवरी को मतदान होगा। नगर पालिका जांजगीर-नैला, नवागढ़ के लिए पॉलिटेक्निक भवन व बाकी के लिए संबंधित क्षेत्र के मतदान केंद्रों के लिए पोलिग पार्टियों को आज रवाना किया जाएगा।
मतदान कार्मिकों को ईवीएम, वीवी पैट, स्टेशनरी, सील, मतदाता सूची, मुहर, कलम आदि सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए 9 को पूरे दिन तैयारी किया गया। इस बार नगरीय निकाय चुनाव के लिए पार्षद व अध्यक्ष को प्रचार-प्रसार के लिए ज्यादा दिन का समय नहीं मिला। 31 जनवरी को नामांकन वापसी व चुनाव चिन्ह आबंटन किया गया। चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रचार प्रसार में तेजी आई। इसके बाद पूरे शहर में बैनर व पोस्टर से पाट दिया गया है।
भाजपा व कांग्रेस के विधायक अपने-अपने प्रत्याशी को जिताने एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। प्रत्याशी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते है। निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 48 घंटे पूर्व चुनावी शोरगुल बंद करना होता है। इसके तहत चुनावी शोरगुल रविवार की शाम को थम गया। इसके बाद अब प्रत्याशी डोर टू डोर प्रचार करेंगे। शोर शराबे वाली चुनाव प्रचार प्रसार पर लगाम लग गई। शांतिपूर्वक घर-घर जाकर मतदाताओं से जनंसपर्क करेंगे।
प्रचार के आखिर दिन भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में विधायक ब्यास कश्यप के नेतृत्व में बाइक रैली निकाली। इसके अलावा भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ता वार्ड स्तर में ही रैली निकाली गई। जिसमें कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पार्षद प्रत्याशी के साथ मोहल्ले में घूमते रहे। भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टी अपने-अपने पक्ष में मतदाताओं को रिझाने में लगे रहे। वहीं अब प्रत्याशी शराब व मांस मटन बांटने निकलेंगे।
मतदान के लिए आपके पास यह वोटर आईडी जरूरी
मतदान केन्द्र पर मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 प्रकार के दस्तावेजों को मान्य किया गया है। इसमें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान-पत्र, बैंक, डाकघर फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, आयकर पहचान-पत्र (पेनकार्ड) आधार कार्ड, राज्य केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय अथवा अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट) कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, स्वतंत्रता सेनानी फोटोयुक्त पहचान-पत्र, केन्द्रीय अथवा छग राज्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं की फोटोयुक्त अंकसूची।
बार कौशिल द्वारा अधिवक्ताओं को जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र, फोटोयुक्त नि:शक्तता प्रमाण-पत्र, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वैध फोटोयुक्त राशन कार्ड, महाविद्यालय अथवा विद्यालय द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान-पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लायसेंस एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉटवेयर द्वारा ऑनलाईन जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है। मतदाता उपरोक्त में से कोई भी एक फोटोयुक्त पहचान-पत्र मतदान केन्द्र पर लेकर जाएगा और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान स्थापित की जाएगी।
नगरीय निकाय चुनाव में होगी मातृशक्ति की अहम भूमिका
महिलाओं को पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। महिलाएं सशक्त होंगीं तो राष्ट्र का आधार मजबुत होगा, इस सोच के साथ सरकार ने महिला सशक्तिकरण का नाम भी दिया। इतना ही नहीं नगरीय निकाय तथा ग्राम पंचायतों में स्थान रिजर्व रखा गया है। जांजगीर जिले की उन नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्र जो महिलाओं के लिए आरक्षित है,वहां तो वे ही काबिज हाेंगी चाहे वह किसी राजनीतिक दल की हों या फिर निर्दलिय ही क्यों न हों। लेकिन यदि जिले की महिलाएं ठान लें तो महिला मतदाताओं की संख्या इतनी है कि सही ढंग से यदि मातृशक्ति घूंघट छोड़ कर मैदान में आ जाए तो सामान्य क्षेत्राें से भी किसी महिला उमीदवार की ताजपोशी कर सकती हैं।
तीनों नगर पालिका क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष मतदाताओं से ज्यादा है। अकलतरा नगर पालिका क्षेत्र में यह अंतर सबसे कम है, यहां महिला पुरूष वोटर से 397 ज्यादा हैं तो जांजगीर-नैला में 711 व चांपा में 586 महिला वोटरों की संख्या है। इसी प्रकार नगर पंचायत क्षेत्रों में भी महिला वोटरों की संख्या कम नही है। 11 नगरीय निकायों में 8 लाख 30 हजार 961 मतदाता है।
प्रत्याशी रख रहे महिलाओं का ख्याल
चुनाव के मैदान में अध्यक्ष सहित पार्षद पद के लिए किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी भी महिलाओं की भूमिका को भली भांति समझ रहे हैं, यही वजह है कि वे उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करने के लिए हर संभव जतन कर रहे हैं। महिलाओं के लिए बिंदी, चुड़ी, कंगन,साड़ी आदि भी बांटने का दौर छुप-छुप के चल रहा है। यद्यपि यह आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है लेकिन कहते हैं कि प्यार और जंग में सब जायज होता है, इसलिए सबको कुर्सी की चिंता है। इस समय प्रत्याशियों के पास मातृशक्ति के चरण छुने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प भी तो नही है।