यह घटना उस समय हुई जब जौनपुर के आशापुर गांव में महाराजा सुहेलदेव विजयोत्सव का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें महेंद्र राजभर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल थे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आरोपी बृजेश राजभर (वाराणसी के बाबतपुर का रहने वाला) पहले महेंद्र राजभर की तारीफ में भाषण देता है। अपने भाषण में वह सत्ता में बैठे लोगों पर समाज को लूटने और केवल अपने परिवार के लिए काम करने का आरोप लगाता है। इसके बाद, वह महेंद्र राजभर को माला पहनाता है। ठीक इसी क्षण, जब महेंद्र राजभर मुस्कुरा रहे होते हैं, बृजेश अचानक उन पर हमला कर देता है और ताबड़तोड़ कई थप्पड़ मारता है।
अचानक हुए इस हमले से कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। महेंद्र राजभर ने भी पलटवार करने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया। हमले के बाद बृजेश राजभर मौके से फरार हो गया और वाराणसी चला गया।
‘ओपी राजभर की साजिश’ का आरोप
पीड़ित महेंद्र राजभर ने जलालपुर थाने में बृजेश राजभर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि यह हमला कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के इशारे पर किया गया है। महेंद्र राजभर ने बताया कि बृजेश राजभर ने 5 दिन पहले ही ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की थी, जिससे इस हमले की साजिश होने का संदेह गहराता है। महेंद्र राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, लेकिन 2021 में अलग होकर उन्होंने सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का गठन किया और 2 मई को सपा में शामिल हो गए।
सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामजीत राजभर ने भी इस हमले को ओम प्रकाश राजभर की बड़ी साजिश करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि अब्बास अंसारी की विधायकी जाने के बाद मऊ सदर सीट पर होने वाले उपचुनाव में महेंद्र राजभर को लड़ाने की तैयारी चल रही है, जबकि ओम प्रकाश राजभर भी इसी सीट से चुनाव लड़ने की फिराक में हैं। रामजीत राजभर के अनुसार, ओम प्रकाश राजभर ने महेंद्र राजभर को ‘प्रताड़ित’ करने और उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए यह हमला कराया है।
यह भी बताया गया है कि बृजेश राजभर पहले सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष था, लेकिन बाद में उसे पार्टी से निकाल दिया गया और उसने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी जॉइन कर ली थी। यह घटना ऐसे दिन हुई जब सुभासपा पूरे पूर्वांचल में महाराजा सुहेलदेव का विजयोत्सव मना रही थी, जिसमें सीएम योगी और ओम प्रकाश राजभर खुद बहराइच में मौजूद थे।
‘कटप्पा’ के नाम से मशहूर हैं महेंद्र राजभर
महेंद्र राजभर का नाम 2017 के विधानसभा चुनाव में भी सुर्खियों में आया था, जब उन्होंने भाजपा के सिंबल पर मऊ से माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘कटप्पा’ का खिताब दिया था और कहा था कि ‘यही कटप्पा बाहुबली का सफाया करेगा’. हालांकि, उस चुनाव में महेंद्र राजभर मुख्तार अंसारी से लगभग 6000 वोटों से हार गए थे।