‘कृष्ण का नाम न बता सके, तो छवि सुधारने अखिलेश का नाम उछाल दिया’
प्रिया सरोज ने अनिरुद्धाचार्य पर निशाना साधते हुए कहा कि एक कथावाचक जो भगवान श्रीकृष्ण का पहला नाम नहीं बता सका, वह अपनी गिरती हुई छवि को बचाने के लिए अब अखिलेश यादव का नाम लेकर हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने लिखा – “जब एक बाबा कृष्ण जी का नाम बताने में असफल हो जाता है, तो अपनी छवि सुधारने के लिए वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जी (अखिलेश यादव) का नाम हिंदू-मुस्लिम जोड़कर देश-प्रदेश का माहौल खराब कर देता है।”
पुराना वीडियो बना ताजा विवाद की वजह
दरअसल, कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था जिसमें अखिलेश यादव और अनिरुद्धाचार्य के बीच बातचीत होती दिखाई दी थी। वीडियो में अखिलेश यादव कथावाचक से पूछते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का पहला पुकार नाम क्या था। इसके साथ ही वे उन्हें ‘शूद्र’ शब्द का प्रयोग न करने की सलाह देते हैं। यह बातचीत एक हाईवे पर हुई हल्की नोकझोंक का हिस्सा थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।
अनिरुद्धाचार्य ने किया सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास?
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, अनिरुद्धाचार्य ने बिना अखिलेश यादव का नाम लिए बयान दिया कि “उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री मुझसे कहते हैं कि आपका रास्ता अलग है और मेरा अलग… क्योंकि मैंने उनके सवाल का वही जवाब दिया जो सत्य था, लेकिन उन्हें वह पसंद नहीं आया। वह मुसलमानों से तो यह नहीं कहेंगे कि तुम्हारा रास्ता अलग, बल्कि उनसे कहते हैं जो तुम्हारा रास्ता है, वही हमारा है।” इस बयान के बाद यह विवाद और गर्मा गया। अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा कि जब राजाओं के मन में ही द्वेष है, तो वे जनता की सेवा कैसे करेंगे?
सपा सांसद का तीखा प्रहार
अनिरुद्धाचार्य के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मछलीशहर से नव-निर्वाचित सपा सांसद प्रिया सरोज ने उनके बयान को समाज में नफरत फैलाने वाला करार दिया। उन्होंने लिखा – “क्या आप यही सब अपने प्रवचन में सिखाते हैं? धर्म का उपयोग करके समाज में फूट डालने वाले लोग प्रवचन के नाम पर केवल राजनीतिक एजेंडा चला रहे हैं। ऐसे कथावाचकों से समाज को सचेत रहना चाहिए।”
अखिलेश की चुप्पी, लेकिन पार्टी ने मोर्चा संभाल
फिलहाल इस पूरे मुद्दे पर अखिलेश यादव की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन उनकी पार्टी की ओर से सांसद प्रिया सरोज ने मुखर होकर अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रिया सरोज का यह तीखा जवाब न सिर्फ अनिरुद्धाचार्य के बयान का जवाब है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि समाजवादी पार्टी अब कथित धार्मिक एजेंडे के खिलाफ सख्त रुख अपनाने को तैयार है।