मुख्यमंत्री दोपहर 12:15 बजे झाबुआ पहुंचेंगे और दिलीप क्लब परिसर से पारंपरिक गेर के साथ बस स्टैंड तक जाएंगे। इस दौरान 200 से अधिक ढोल-मांदल की थाप और हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में वे आदिवासी संस्कृति का अनुभव करेंगे। उनके स्वागत के लिए शहर को सजाया गया है और खासतौर पर भगोरिया के झूले की व्यवस्था भी की गई है, जहां वे इस उत्सव का रोमांच महसूस करेंगे।
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भील महासम्मेलन में होगा संबोधन
मुख्यमंत्री बस स्टैंड पर होने वाले भील महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस आयोजन में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे। उनकी सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कई बदलाव किए हैं।सीएम की यात्रा से बदली व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री की यात्रा को देखते हुए हेलीपेड से लेकर कार्यक्रम स्थल तक के सभी स्पीड ब्रेकर हटा दिए गए हैं ताकि उनके काफिले को झटके न लगें। साथ ही, उनकी वापसी तक इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। राजगढ़ नाका स्थित गरबा ग्राउंड को अस्थाई बस स्टैंड बनाया गया है, जिससे यात्रियों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्रियों को भारी सामान चढ़ाने के लिए हम्माल नहीं मिले, जिससे वे असहज महसूस कर रहे थे।
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