बता दें कि असम में आर्मी सप्लाई कोर यूनिट में कार्यरत पवन प्रजापति की गुरुवार रात ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी। सैनिक पवन की पार्थिव देह विमान से शनिवार दोपहर असम से जयपुर पहुंची थी। यहां से सड़क मार्ग से पार्थिव देह को शनिवार शाम झालावाड़ लाया गया और मेडिकल कालेज अस्पताल में रखवाया गया।
इसके बाद आज सुबह शव को पैतृक गांव खरेखेड़ा ले जाया गया। शहीद के घर पर पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। रविवार सुबह सैनिक की पार्थिव देह को उनकी रेजिमेंट के सदस्य असनावर लेकर पहुंचे।
सैनिक के सम्मान में निकाली तिरंगा यात्रा
सैनिक के सम्मान में असनावर से खेरखेड़ा गांव तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस दौरान लोग भारत माता की जय, शहीद अमर रहे के नारे लगाते हुए लगातार पुष्प वर्षा करते रहे। करीब 8 किलोमीटर पैदल चलकर काफिला खेरखेड़ा गांव पहुंचा। यहां उनके घर पर पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखी गई।
पति की पार्थिव देह देख बेसुध हुई पत्नी
तिरंगे में लिपटे पति की पार्थिव देह देखकर पति बेसुध हो गई। महिलाओं ने उसे संभाला। इस दौरान परिजनों का रो—रोकर बुरा हाल था। वहीं, हर किसी की आंखें नम थी। अंतिम दर्शन के बाद सैनिक की पार्थिव देह को गांव के मुक्ति धाम ले जाया गया। जहां पर 21 तोपों की सलामी के साथ सैनिक को अंतिम विदाई दी गई। सैनिक के मासूम बेटे ने दादा की गोद में बैठकर पिता को मुखाग्नि दी। यह देख हर किसी की आंखों में आंसू झलक पड़े।
ट्रेन हादसे में हुई सैनिक की मौत
नायब सूबेदार ज्योतिष कुमार जीपी के अनुसार गुरुवार रात को रेल यात्रा के समय असम के सोहनपुर जिले के ओल्ड मिसामिरी रेलवे स्टेशन पर संतुलन बिगड़ने से पवन ट्रेन से गिर गया था। उनके हाथ-पैर व सिर में गंभीर चोट आई थी। सेना की यूनिट को सूचना मिलने पर उन्हें सोहनपुर जिले के गुरुबंदा सिविल हॉस्पिटल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम हुआ था, जिसकी रिपोर्ट अभी नही आई है। पवन प्रजापति को शहीद का दर्जा देने की प्रक्रिया में करीब दो माह का समय लग सकता है।
असम में तैनात थे पवन प्रजापति
असनावर तहसील के खरेखेड़ा गांव निवासी पवन प्रजापति पुत्र प्रेमचन्द प्रजापति सेना में असम में आर्मी सप्लाई कोर में तैनात था। पवन गत 15 जून को ही अपनी छुट्टियां पूरी करके गांव से ड्यूटी पर लौटा था। गुरुवार रात को उसने परिजनों से वीडियो कॉल करके बात की थी। इसके कुछ देर बाद हादसे की जानकारी मिली। पवन के दो पुत्र है। इनमें एक पांच साल का और दूसरा छह माह का है।