यह है मामला
मंडावा कस्बे में बिसाऊ चौराहे के पास थाने के सामने जमीन है। पहले इसके भाव ज्यादा नहीं थे, लेकिन अब हाइवे निकलने, होटल बनने से इस जमीन की कीमत अब करोड़ों रुपए में हो गई। यह जमीन लगभग सवा छह बीघा है। एक पक्ष का कहना है कि यह जमीन उन्होंने वर्ष 1978 में खरीदी थी, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवाई। वहां उनका घर व कब्जा है। दूसरे पक्ष का कहना है जमीन उन्होंने खरीदी है, इसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है। लेकिन पहला पक्ष कब्जा नहीं दे रहा।
यह लगाए गए हैं आरोप
मंडावा निवासी महावीर सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता बबलू चौधरी के इशारे पर कार्यकर्ता परेशान कर रहे हैं। उनको जमीन खाली करने की धमकी दे रहे हैं। वहीं दूसरे पक्ष के विजेन्द्र सिंह व अन्य लोगों ने झुंझुनूं विधायक राजेन्द्र भांबू, उनके बेटे व दामाद पर राजनीतिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
भाम्बू मेरी वजह से विधायक- निषीत
झुंझुनूं से पूर्व बीजेपी प्रत्याशी निषीत चौधरी ने कहा कि विधायक भाम्बू पुत्र मोह में उलझे हुए हैं। साथ ही उनके जंवाई भी कब्जे की जमीनों को हथियाना चाहते हैं। मैं भाजपा का सच्चा सिपाही हूं और राजेन्द्र भाम्बू मेरी वजह से ही आज विधायक हैं। उनकी वजह से मैं बबलू चौधरी नहीं हूं। झुंझुनूं के रोड नंबर 3 पर अवैध बार चल रहा है, उसकी जांच करवाई जाए। विधायक का दामाद नगर परिषद में रोज क्यों घूमता रहता है, उसका वहां क्या लालच है।
किसी व्यक्ति के कारण MLA नहीं हूं- भांबू
वहीं, झुंझुनूं से विघायक राजेन्द्र भांबू ने कहा कि मंडावा में जिस परिवार की जमीन है उसे तो मैं जानता तक नहीं है। इस पूरे मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है। बात मेरे, मेरे बेटे व मेरे दामाद पर आरोप की है तो आरोप लगाने वाले की पृष्ठभूमि देख लो और मेरे परिवार के सदस्यों की देख लो। मैं इस मामले को उनकी तरह सार्वजनिक मंच पर नहीं, पार्टी के प्लेटफार्म पर उठाऊंगा। जिले का एक भी व्यक्ति यह कह दे कि मैंने किसी जमीन पर कब्जा किया है तो हर सजा के लिए तैयार हूं। मैं किसी एक व्यक्ति के कारण विधायक नहीं हूं, मुझे पूरी जनता ने आशीर्वाद व वोट दिया है।
दोनों के बीच छह माह में ही मतभेद
गौरतलब है कि झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर बबलू चौधरी और राजेंद्र भांबू ने एकता का प्रदर्शन किया था, लेकिन छह महीने बाद ही दोनों के बीच मतभेद उजागर हो गए। उपचुनाव में टिकट न मिलने पर बबलू ने बगावत की घोषणा की थी, लेकिन पार्टी के दबाव में वे मान गए और एकजुटता का संदेश दिया। फिर भी, दोनों के बीच तनाव बना रहा। यह तनाव गुरुवार को तब सामने आया, जब बबलू चौधरी ने कलेक्ट्रेट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक राजेंद्र भांबू पर गंभीर आरोप लगाए। चौधरी ने स्पष्ट किया कि जिस जमीन को लेकर उनकी दखलंदाजी की बात हो रही है, उसका उनसे कोई संबंध नहीं है।