मृतक के भाई की रिपोर्ट पर खेतड़ी पुलिस उपाधीक्षक जुल्फिकार अली, खेतड़ी थानाधिकारी गोपाल लाल जांगिड़, हेड कांस्टेबल दिनेश गुर्जर, पुलिसकर्मी प्रमोद लाठर, सुनील मेघवाल, भरत सिंह, चिरानी निवासी रामनिवास लादी गुर्जर, व रामकुमारपुरा निवासी रमेश गराटी गुर्जर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
27 घंटे बाद इन प्रमुख मांगों पर बनी सहमति
मृतक पप्पूराम का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाया जाएगा, मामले की जांच सीआईडी (सीबी) के एडिशनल एसपी से करवाई जाएगी। खेतड़ी थानाधिकारी सहित संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। मृतक के परिवार के एक सदस्य को अजीतगढ़ क्षेत्र में संविदा पर सरकारी नौकरी दी जाएगी।
परिवार को एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 8.25 लाख का मुआवजा मिलेगा, जिसमें से 4.12 लाख पोस्टमार्टम के बाद और शेष राशि चार्जशीट के बाद दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त 5 लाख का मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा। मृतक की पत्नी को 7,000 प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी।
भाई ने दर्ज कराई रिपोर्ट, पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप
मृतक के भाई हीरालाल मीणा की ओर से दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 6 अप्रेल को पप्पू मीणा को पुलिस लेकर गई। उसी दिन खेतड़ी थाने के सिपाही भरत और हेड कांस्टेबल दिनेश गुर्जर ने दो लाख रुपए की मांग की। आरोप है कि 8 अप्रेल को थाने पहुंचकर रुपए दिए गए, तब पुलिस ने पप्पू और दीपक को छोड़ने की बात कही।
14 अप्रेल की रात 2:13 बजे पुलिस का फोन आया कि पप्पू की मृत्यु हो गई है और शव बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में रखा है। परिजनों ने जब शव देखा तो शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। भाई ने आरोप लगाया कि हिरासत में पप्पू की पिटाई कर हत्या की गई।