आर्थिक संकट और मानसिक तनाव
मनोज देवी ने बताया कि उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उनकी बड़ी बेटी, खुशी, नीट की तैयारी कर रही है, जबकि छोटे बच्चों का पालन पोषण करना भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है। मनोज देवी सिलाई और अन्य काम करके बच्चों का पेट पाल रही हैं, लेकिन मानसिक तनाव से उनका और उनके बुजुर्ग माता-पिता का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। टूरिस्ट वीजा पर भेजा था दुबई
राकेश की पत्नी मनोज देवी ने बताया कि कटराथल सीकर के दो जनों ने राकेश को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम दिलवाने का वादा किया था। इसके बदले में राकेश से एक लाख 20 हजार रुपए लिए गए। राकेश 22 जून 2023 को दुबई पहुंचा और कंपनी में काम शुरू कर दिया। हालांकि, एयरपोर्ट पर जानकारी मिली कि राकेश के पास टूरिस्ट वीजा था। इस पर कंपनी के मालिकों ने उसे आश्वस्त किया कि वे आगे की कार्रवाई करेंगे। 5 जुलाई 2023 तक राकेश अपनी ड्यूटी पर था, लेकिन इसके बाद अचानक उससे संपर्क टूट गया।
जेल में होने की मिली सूचना
8 मार्च 2024 को राकेश के बड़े भाई को कंपनी के मालिक से वॉइस मैसेज मिला, जिसमें कहा गया कि राकेश किसी मामले में जेल में है। यहां आकर उसे छुड़ाकर ले जाओ, हमें परेशान मत करो। इसके बाद, मक्खन लाल ने 15 मार्च 2024 को वीजा लेकर दुबई का रुख किया। वहां कंपनी ने कोई मदद नहीं की। इस पर खुद ने ही जेल और अस्पतालों में तलाश की लेकिन राकेश की कोई जानकारी नहीं मिली। सरपंच से लेकर राष्ट्रपति तक लगाई गुहार
राकेश के लापता होने के बाद उसके परिवार ने हर स्तर पर मदद मांगने की कोशिश की। मक्खन लाल ने बताया कि उन्होंने गांव के सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, दूतावास और राष्ट्रपति तक मदद की गुहार लगाई। उदयपुरवाटी थाने में भी एक शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला।
अंतिम बार 6 जुलाई 2023 को हुई बात
मनोज देवी ने बताया कि 6 जुलाई 2023 को राकेश ने अपने भाई और पत्नी से फोन पर बात की। वह फोन पर घबराए हुया था, रोने व मायूस जैसी स्थिति थी। पूछने पर उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और फोन बंद कर दिया। इसके बाद कई प्रयासों के बावजूद राकेश से संपर्क नहीं हो सका। कंपनी के मालिकों ने भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इससे परिवार की चिंता बढ़ गई।