रातानाडा पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए। (फोटो-पत्रिका)
बेलगाम बजरी माफिया के हाथों जान गंवाने वाले पुलिस स्टेशन लूनी के कांस्टेबल सुनील खिलेरी की आंखों किसी व्यक्ति के अंधेरे जीवन में रोशनी लेकर आएगी। परिजन ने बुधवार को उसके दोनों नेत्र दान कर दिए। मथुरादास माथुर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन मैदान में गार्ड ने मातमी धुन बजाई और शस्त्र उलटे कर शोक व्यक्त किया। उधर, हत्या का मुख्य आरोपी डम्पर चालक व मालिक अभी तक पकड़ में नहीं आए हैं।
फलोदी जिले में लोहावट निवासी सुनील खिलेरी पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के लूनी थाने में कांस्टेबल था। वह खेजड़ली सर्कल पर अस्थाई नाका में तैनात था। गत रविवार सुबह साढ़े आठ बजे अवैध बजरी से भरे डम्पर का चेतक ने पीछा किया था। फिटकासनी रोड पर प्याऊ के पास चालक डम्पर खड़ा कर बजरी खाली करने लग गया था। तब सुनील ने पास जाकर चालक को पकड़ने का प्रयास किया था, लेकिन चालक ने कट मारकर सुनील को गिरा दिया था और डम्पर से उसे कुचल दिया था। गंभीर हालत में उसे एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार रात उसकी मृत्यु हो गई थी।
…ताकि सुनील किसी की आंखों में जीवित रह सके
परिजन की इच्छा पर मृतक सुनील की दोनों आंखें बुधवार को दान कर दी गईं। परिजन का कहना है कि सभी परिजन ने सामूहिक रूप से नेत्रदान का फैसला किया। ताकि सुनील किसी की आंखों में जीवित रहें और दुनिया रोशन कर सके। तत्पश्चात पोस्टमार्टम कराया गया।
यह वीडियो भी देखें
तिरंगे में लिपटा शव पुलिस वाहन में रातानाडा पुलिस लाइन के मैदान लाया गया, जहां पुलिस कमिश्नर राजेन्द्र सिंह, डीसीपी आलोक श्रीवास्तव, राजर्षि राज वर्मा व शैलेन्द्रसिंह इंदोलिया और अन्य सभी अधिकारियों ने और जवानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस के वाहन में तिरंगे में लिपटा शव पैतृक गांव लोहावट ले जाया गया, जहां पुलिस सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
तीन भाई, एक-एक पुत्र व पुत्री
मृतक सुनील के पिता शिक्षक हैं। सुनील के दो और भाई हैं। एक अन्य भाई पुलिस में सिपाही है। तीसरा भाई आरएएस की तैयारी कर रहा है। सुनील के आठ साल का पुत्र व तीन-चार साल की पुत्री है। सुनील की मृत्यु से परिजन व परिचितों के आंसू निकल आए।