scriptJaswant Sagar Dam: राजस्थान के जसवंत सागर बांध की बदलेगी सूरत, मारवाड़ क्षेत्र के हजारों किसानों को मिलेगी खुशखबरी | CRRI has been entrusted with the responsibility of preparing DPR for recharging of Jaswant Sagar Dam | Patrika News
जोधपुर

Jaswant Sagar Dam: राजस्थान के जसवंत सागर बांध की बदलेगी सूरत, मारवाड़ क्षेत्र के हजारों किसानों को मिलेगी खुशखबरी

जसवंत सागर बांध के पुनर्भरण (रीचार्जिंग) के लिए रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

जोधपुरApr 17, 2025 / 02:24 pm

Rakesh Mishra

Jaswant Sagar Dam

फाइल फोटो

पश्चिमी राजस्थान की 33 विधानसभा क्षेत्रों में से 24 को जल समृद्ध बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जोधपुर जिले के सबसे बड़े जल स्रोत जसवंत सागर बांध के पुनर्भरण (रीचार्जिंग) के लिए रुड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके लिए सरकार ने 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। यदि समय पर यह डीपीआर तैयार हो जाती है और सरकार इसे व्यावहारिक रूप प्रदान करती है, तो मारवाड़ क्षेत्र के हजारों किसानों की तकदीर बदल सकती है।

मांग को मिली मंजूरी

क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्थाएं, संगठन और जसवंत सागर बांध संघर्ष समिति लंबे समय से इस परियोजना की मांग कर रहे थे। विधायक अर्जुनलाल गर्ग ने यह मुद्दा विधानसभा में प्रभावशाली रूप से उठाया। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के सफल होने पर न केवल भूजल स्तर सुधरेगा, बल्कि पेयजल संकट से स्थायी राहत भी मिलेगी। विधायक गर्ग ने रुड़की से आए वैज्ञानिकों को सुझाव देते हुए कहा कि वे तकनीकी विशेषज्ञता के बल पर यह सुनिश्चित करें कि कम लागत में अधिकतम जल भंडारण संभव हो।

विधायक ने वैज्ञानिकों को दिए सुझाव

  • * मदासर पेयजल योजना की दो मीटर व्यास की पाइपलाइन को जोधपुर के बजाय पिचियाक के रास्ते जसवंत सागर में डाला जाए।
  • * जवाई बांध की नहर को गजनाई तक लाकर वहीं से जसवंत सागर बांध में जल छोड़ा जाए।
  • * माही से पाचना होते हुए रायपुर के माध्यम से जसवंत सागर को जोड़ा जाए।
  • * बीसलपुर की डिस्पोजल लाइन को जसवंत सागर से जोड़ने की बात भी रखी गई।
  • * यमुना लिंक परियोजना के तहत झुंझुनू, चूरू, परबतसर व मेड़ता होकर आने वाले जल को लूणी नदी के जरिए जसनगर में छोड़ा जाए।

जल संकट से राहत, प्रवासी लौटेंगे

क्षेत्र के बुजुर्गों का मानना है कि यदि यह परियोजना साकार होती है, तो आनासागर से लेकर सांचौर तक और कुचेरा-खींवसर से नागौर तक का क्षेत्र जल संकट से मुक्त हो जाएगा। इसके साथ ही, जो परिवार पलायन कर चुके हैं, वे वापस लौटकर कृषि कार्य में जुट सकेंगे, जिससे क्षेत्र में उत्पादन और आजीविका दोनों में बढ़ोतरी होगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राज्य सरकार की ओर से दिखाई गई तत्परता यह दर्शाती है कि पेयजल संकट का समाधान उनकी प्राथमिकता में है। विधानसभा में उठाई गई मांग को बजट में स्वीकार करना, सरकार की जनकल्याणकारी सोच और कार्यशैली को उजागर करता है।

Hindi News / Jodhpur / Jaswant Sagar Dam: राजस्थान के जसवंत सागर बांध की बदलेगी सूरत, मारवाड़ क्षेत्र के हजारों किसानों को मिलेगी खुशखबरी

ट्रेंडिंग वीडियो