
बता दें कि तेजासर बरसिंगों के बास केरला गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र बाबूराम मायला की शादी थी। यह बारात आऊ तहसील से धर्म सागर जेरिया गांव पहुंची। बारात में खास बात यह रही कि दूल्हा ओमप्रकाश खुद ट्रैक्टर चलाकर बारात गया। शादी संपन्न होने के बाद दुल्हन पुष्पा की विदाई करवाकर ट्रैक्टर पर ही बैठाकर ले आया। बताया गया कि दूल्हा और दुल्हन के गांव के बीच का जो फासला है, वह करीब 15 किलोमीटर का है।
राजस्थान में मां गंगा का है अनोखा मंदिर, मुस्लिम कारीगर ने तराशी अद्भुत मूर्ति, सीएम भजनलाल आज करेंगे दर्शन
न्योता के लिए इस विशेष परंपरा को निभाया
दूल्हे ओमप्रकाश ने अपनी शादी से पहले एक विशेष परंपरा निभाई। दरअसल, बारात चलने का निमंत्रण पीला चावल देकर दिया गया। ओमप्रकाश के पिता बाबूराम मायला बताते हैं कि पुराने समय में बारात बैलगाड़ी और ऊंटों पर जाया करती थी। फिलहाल, अब समय बदल गया है और लोग लग्जरी गाड़ियों से बारात ले जाते हैं।
बाबूराम मायला ने बताया, हमने अपने बेटे की शादी को खास बनाने के लिए पहले तो पीला चावल देकर न्योता बांटा और फिर 121 ट्रैक्टर लेकर बारात ले गए। ट्रैक्टर से गई बारात न केवल विवाह समारोह की एक यादगार घटना बन गई। बल्कि गांवों की पुरानी परंपरा और संस्कृति को भी एक जीवंत झलक दिखा गई। बाबूराम ने बताया कि बारात में करीब 300 बाराती गए थे।