कार्यक्रम की शुरुआत में नगरपालिका अध्यक्ष ने कहा, ’’यह केवल पौधा लगाने की पहल नहीं, बल्कि हमारी माताओं के प्रति कृतज्ञता और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है।’’ वितरित किए गए पौधों में आम, अमरूद, नींबू और अनार जैसे फलदार पेड़ शामिल थे, जो न केवल हरियाली बढ़ाएंगे बल्कि आने वाले वर्षों में स्थानीय लोगों को आजीविका का भी स्रोत बन सकते हैं।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ पौधों के वितरण में सहयोग किया, बल्कि लोगों को पौधों की देखभाल, सिंचाई और संरक्षण के उपाय भी बताए। एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा, यह अभियान सिर्फ पर्यावरण नहीं, हमारी संस्कृति और भावनाओं से भी जुड़ा है। हमें इसे जन-आंदोलन की तरह अपनाना चाहिए।
अभियान को मिलेगा स्थायी स्वरूप
किरंदुल नगरपालिका ने इस अभियान को केवल एक दिन की गतिविधि नहीं, बल्कि दीर्घकालिक पहल के रूप में लेने का संकल्प लिया है। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में और अधिक पौधारोपण कार्यक्रम, जनजागरूकता रैलियां और देखभाल प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। सामाजिक और पर्यावरणीय असर
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एक पेड़ माँ के नाम’’ न केवल पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में प्रयास है, बल्कि समाज को जोड़ने वाली एक भावनात्मक कड़ी भी है। यह अभियान मातृत्व को समान देने के साथ-साथ हर नागरिक को प्रकृति की रक्षा का संदेश भी देता है।