प्रथम प्रयास में ही मिली सफलता
ग्रेसी सिंह के चाचा हरवंश सिंह मिरी ने बताया कि 2 वर्ष की उम्र से दादी और चाचा के साथ रहती है। अविभाजित मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के वारासिवनी में प्ले स्कूल से शुरुआत की थी। फिर
रायपुर में सुंदरनगर में नर्सरी की क्लास के बाद (Chhattisgarh News) डीडी नगर रायपुर में स्थित अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक शिक्षा ग्रहण की थी और नवमी-दसवीं कृष्णा पब्लिक स्कूल डुंडा और 11-12 वीं गणित विषय लेकर नेहरू नगर भिलाई स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की।
ग्रेसी सिंह चाहती थी कि इंजीनियरिंग कि पढ़ाई करें लेकिन चाचा हरवंश सिंह मिरी के कहने पर क्लेट एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की और सफलता अर्जित कर हिदायतुल्ला नेशनल लॉ कॉलेज नवा रायपुर से बीएएलएलबी की डिग्री प्राप्त की एवं सिविल जज 2023 की परीक्षा में सम्मिलित हुई और प्रथम प्रयास में ही सफलता अर्जित कार सिविल जज बनी।
ग्रेसी सिंह का साक्षात्कार
CG Civil Judge Result: हरवंश सिंह मिरी ने बताया कि ग्रेसी सिंह शुरू से मेघावी स्टूडेंट रही है। बचपन से साथ रही है, धर्मपत्नी अराधना सिंह बिटिया मान कर अच्छी परिवरिश एवं शिक्षा कि तालीम दिलाये और आज अपने उद्देश्य पर सफल हुई। ग्रेसी सिंह सिविल जज कि तैयारी के लिए कुछ महीने कोटा राजस्थान में रही। फिर इंदौर में जाकर मुख्य परीक्षा एवं मॉक इंटरव्यू की तैयारी की थी। ग्रेसी सिंह का साक्षात्कार बहुत अच्छा नहीं गया था। बहुत कम समय का साक्षात्कार हुआ पर उन्हें विश्वास था कहती रही कि मुख्य परीक्षा में सफल हो जायेगी।