कासगंज। बदलाव की शुरुआत एक व्यक्ति से होती है। समाज तभी आगे बढ़ता है जब बदलाव आता है। आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक से रूबरू करवा रहे हैं, जिन्होंने अपने बलबूते पर कासगंज के एख सरकारी स्कूल की कायाकल्प ही कर दी।
कासगंज•May 10, 2019 / 04:17 pm•
अमित शर्मा
आज उनका स्कूल आस पड़ोस के जनपदों में मॉडल स्कूल के नाम से जाना जाता है। सहायक शिक्षक के भरोसे होने के बावजूद अभिभावकों को स्कूल के प्रति विश्वास बढ़ा है।
हम बात कर रहे हैं जिले के गंजडुंडवारा विकास खंड क्षेत्र के गांव पिथनपुर भोजपुर के जूनियर प्राथमिक विद्यालय की।
इस विद्यालय को सहायक शिक्षक आंनद मोहन ने बिना स्वार्थ के विद्यालय के लिए पांच लाख रूपये खर्च कर दिये।
आंनद मोहन के स्वर्गीय पिता रामौतार गुप्त और स्वर्गीय दादा की इच्छा थी कि कमाई का पांच लाख रुपये धर्म के काम में लगाया जाए।
पहले आनंद मोहन ने गंजडुंडवारा के सरस्वती शिशु मंदिर में रुपये लगाने चाहे, लेकिन शिशु मंदिर की कमेटी ने पैसा लेने से मना कर दिया था।
इसके बाद आनंद मोहन ने उन रुपयों को अपने स्कूल में लगाने का मन बना लिया। अब ऐसा स्कूल आसपास के जनपदों में भी नहीं है। इस स्कूल को नाम जूनियर प्राथमिक मॉडल विद्यालय पड़ चुका है।
प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब भी हैं। साथ ही इस विद्यालय की पेंटिंग और चित्रकारी राया मथुरा के प्रसिद्ध पीसीएस अखिलेश कुमार दीक्षित ने की।
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