टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार
जिले में पीडि़त मानवता की सेवा का सामाजिक अनुष्ठान चल रहा है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशन में जिले को 2025 में टीबी मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। अब तक 925 टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार देनें का कार्य चल रहा है। इस दौरान निर्धारित लक्ष्य 4 लाख 27 हजार 594 के विरूद्ध 4 लाख 65 हजार 993 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 47 हजार लोगों का एक्स-रे और न्यूक्लेइक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट 11 हजार लोगों का किया गया। जिले में 502 से नि-क्षय मित्र बने है, जिन्होनें टीबी रोग से पीडि़त लोगों को गोद लेकर उन्हे पौष्टिक आहार देने का सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं।
टीबी के प्रमुख लक्षण
डॉ. शर्मा ने कहा कि लगातार दो महीने से अधिक समय तक खांसी होना, बुखार रहना, रात में पसीना आना, तेजी से वजन कम होने को नजर अंदाज न करें। लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं और समय पर इलाज शुरू करें। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी का इलाज केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी भी है। जब मरीज पूरा इलाज करता है, तो वह खुद को स्वस्थ करने के साथ-साथ दूसरों को भी संक्रमण से बचाता है। टीबी को हराने के लिए समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है। सही समय पर जांच, इलाज और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर ही इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
कलेक्टर यादव के निर्देश हैं कि जिले का कोई भी टीबी मरीज इलाज और पौष्टिक आहार से न छूटे, इसके लिए सुनियोजित रणनीति पर कटनी जिले में कार्य किया जा रहा है। टीबी दवाईयां शासन से पूरी तरह निःशुल्क दी जाती है। लेकिन ये तभी असरकारी और प्रभावी सिद्ध होती है जब मरीज को पोषण युक्त आहार मिले। इसके लिए सामाजिक सहभागिता का आह्वान कर मरीजों को गोद लेने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि जिले में इसे जन-आंदोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।