हर युग की दिखती है झलक
प्रशांत ने बताया कि उनके पास ब्रिटिश काल, प्री-इंडिपेंडेंस, आज़ादी के बाद के शुरुआती वर्षों से लेकर वर्तमान तक के सिक्के और नोट मौजूद हैं। हर एल्बम को लेमिनेट कर सुरक्षित रखा गया है ताकि समय का असर इन पर न पड़े। खास बात यह है कि उनके पास हर धातु और डिज़ाइन के सिक्कों का संग्रह है, जैसे कांस्य, निकल, चांदी और स्टील से बने सिक्के। बोर्ड परिणाम: विद्यार्थियों ने लहराया परचम, कक्षा 10वीं में 81.13 व 12वीं में 82.4 फीसदी सफलता, देखें वीडियो
डाक टिकटों का भी बेशकीमती कलेक्शन
सिर्फ सिक्कों और नोट ही नहीं, बल्कि प्रशांत ने डाक टिकटों का भी शानदार संग्रह तैयार किया है। उन्होंने बताया कि बचपन में उन्हें जब भी कोई टिकट या अलग दिखने वाला सिक्का मिलता था, वे उसे संभाल कर रख लेते थे। यही शौक समय के साथ जुनून में बदल गया और आज उनके पास ऐसे टिकट भी हैं जो अब डाक सेवाओं में उपयोग नहीं होते। प्रशांत बताते हैं कि इस शौक को पूरा करने में परिवार का पूरा सहयोग मिला। उनकी पत्नी और बच्चे भी इस संग्रह को संभालने और प्रदर्शनी के लिए तैयार करने में मदद करते हैं।
ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने का प्रयास
प्रशांत का यह संग्रह न केवल शौक की संतुष्टि का जरिया है, बल्कि यह भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक यात्रा को एक नजर में दिखाने वाली जीवित किताब जैसा भी है। उनका कहना है, हर सिक्का और नोट अपने समय की कहानी कहता है। अगर इसे संभालकर रखा जाए तो अगली पीढ़ी भी अपने इतिहास को छूकर महसूस कर सकती है। शहर में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में जब प्रशांत अपने एल्बम लेकर पहुंचते हैं तो लोग हैरान रह जाते हैं। उनके कलेक्शन को देखकर लोग न सिर्फ तारीफ करते हैं बल्कि कई युवा उनसे प्रेरित होकर ऐसा ही कुछ करने का मन भी बनाते हैं।