एसजीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह जब पान मसाला कारोबारियों के टैक्स रिकार्ड की समीक्षा कर रहे थे, तभी मंझनपुर के एक डीलर के दस्तावेजों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। जांच में पता चला कि डीलर द्वारा तीन वर्षों से खरीद के बिल तो फाइल किए जा रहे थे, लेकिन बिक्री से जुड़ी कोई बिलिंग दर्ज नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से कर चोरी का मामला था।
जांच के दौरान जब कारोबारी से बिक्री बिलिंग के अभाव को लेकर सवाल पूछे गए तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। अधिकारियों ने बताया कि कर चोरी का आंकड़ा लगभग 72 लाख रुपये तक पहुंच गया था, जिसे डीलर ने दबाव में आकर तत्काल अदा कर दिया।
इस कार्रवाई के बाद विभाग की नजर अब दो अन्य पान मसाला डीलरों पर है, जिनके दस्तावेजों में खरीद और बिक्री के आंकड़ों में भारी अंतर पाया गया है। हालांकि, उनके खिलाफ अभी जांच प्रक्रिया जारी है और जरूरत पड़ने पर छापेमारी की जाएगी।