सर्वे का पहला चरण हो चुका पूरा
नर्मदा ताप्ती रेल लाइन समिति के इंजिनियर राधेश्याम पाटीदार द्वारा तैयार नक्शे के आधार पर यह सर्वे हो रहा है। इस रेल लाइन में आलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिले शामिल हैं। अभी तक आलीराजपुर से खरगोन तक 140 किलोमीटर का फुट-टू-फुट सर्वे पूरा हो चुका है, अब टीम खरगोन से खंडवा तक सर्वे कर रही है। लगभग 6.25 करोड़ रुपये की लागत से इस सर्वेक्षण को पूरा किया जा रहा है। निर्माण के दौरान आ सकती है कई मुश्किलें
सर्वे टीम क्षेत्र में जाकर रेल लाइन के संभावित मार्ग का अध्ययन कर रही है। इसमें नदी, नहर, पहाड़, टावर, सड़क और स्कूल जैसे अवरोधों को चिह्नित किया जा रहा है। टीम यह भी देख रही है कि इन बाधाओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या इनके ऊपर से रेल लाइन गुजरेगी। इसके अलावा, प्रोजेक्ट की लागत का आकलन करने में भी यह सर्वेक्षण मददगार होगा।
ड्रोन और डीजीपीएस से होगा पूरा सर्वे
फिलहाल, वॉक-थ्रू सर्वे किया जा रहा है, जिसके बाद ड्रोन और डीजीपीएस तकनीक की मदद से विस्तृत सर्वे किया जाएगा। सर्वे के दौरान कैमरे से तस्वीरें खींची जा रही हैं और हर महत्वपूर्ण बिंदु को नोट किया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इस मार्ग में कोई बड़ा वन क्षेत्र नहीं है, हालांकि कुछ छोटी पहाड़ियां मौजूद हैं।
खरगोन को मिलेगा बड़ा फायदा
नर्मदा ताप्ती रेल लाइन समिति के कोषाध्यक्ष दशरथ सिंह यादव के अनुसार, इस परियोजना से खरगोन का विकास होगा। कृषि प्रधान जिले के रूप में यहां की तीन मंडियों को रेल संपर्क मिलने से आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और भविष्य में कृषि आधारित उद्योगों की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। रेलवे अधिकारियों के सकारात्मक रुख को देखते हुए उम्मीद है कि यह रेल लाइन जल्द ही स्वीकृत हो जाएगी।