थोपने की बजाय प्रोत्साहित करें: रलिया
नैनो खाद के जनक वैज्ञानिक डॉ. रमेश रलिया के अनुसार सहकारी केन्द्रों पर गुणवत्ता वाले उत्पाद की जबरन बिक्री न केवल किसानों को आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान करती है, बल्कि नवीन तकनीकों के प्रति अविश्वास भी पैदा करती है। इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। गुण व फायदे बताकर किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही किसान प्रमाणिकता जांच के बाद ही खाद की खरीद करें।सरकार की यह है मंशा
सरकार की मंशा किसानों को उन्नत किस्म के न्यू एज के खाद यानी नैनो तरल खाद के लिए प्रोत्साहित करना है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक नैनो खाद पर सब्सिडी नहीं दी गई है। इसलिए किसान इस खरीद को बोझ मानते हैं।किसान बोले, मजबूरी में कर रहे खरीद
किशनगढ़ के मिल रोड चौराहे की दुकान पर मुण्डौती के किसान रामेश्वर ने कहा कि मजबूरी में नैनो खाद भी खरीदनी पड़ रही है। किसानों से सब्सिडी की खाद के साथ नैनो खाद की बोतल जबरन बेचकर अतिरिक्त वसूली की शिकायतें प्रदेश भर से आ रही है। कृषि विभाग व सहकारिता विभाग के मुख्यालय अधिकारियों ने इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई हैं।Rajasthan: राजस्थान में नकली उर्वरक, कृषि निदेशालय की खुली पोल, अब केंद्रीय मंत्रालय ने अपनाया सख्त रुख
नहीं मिली जानकारी…
सब्सिडी की खाद के साथ नई तकनीक की नैनो तरल खाद बिक्री के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए समितियों को निर्देश दे रखे हैं। लेकिन यह वैकल्पिक है। किसी को जबरन देने की कोई जानकारी नहीं मिली है।