फैक्टरियों के संचालक मौके से भागे
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दूसरे दिन भी किशनगढ़ में नकली उर्वरक बनाने की फैक्टरियों को सीज करने की कार्रवाई को अंजाम दिया। इन फैक्टरियों में लाखों टन नकली उर्वरक एवं कच्चा माल सीज किया गया है। यहां नकली उर्वरक बनाने का काम पिछले कुछ साल से योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है। फिलहाल छापे की कार्रवाई के बाद अधिकांश फैक्टरियों के संचालक मौके से भाग गए हैं।इफको के लिए बना रहे थे उर्वरक : मीणा
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि चार फैक्टरियों में इफको के लिए उर्वरक बनाया जा रहा है। अतिशय एग्रो फर्म की जांच की तो बताया कि हमारा इफको से ज्वॉइंट वेंचर है। जबकि दस्तावेज के अनुसार ज्वॉइंट वेंचर दिल्ली के लिए था, फिर किशनगढ़ के पास उर्वरक क्यों बनाया जा रहा? उन्हें यहां माल तैयार करने का हमने कोई लाइसेंस नहीं दिया। एमओपी प्रोडक्ट देश में ही नहीं बनता, यह विदेशों से इम्पोर्ट होता है, लेकिन यह किशनगढ़ के आसपास फैक्टरियों में बनाया जा रहा है। यही नहीं तमिनलाडु मैन्युफैक्चरिंग एंड मार्केटिंग कंपनी भी तमिलनाडु के बजाय अजमेर जिले में नकली उर्वरक तैयार कर रही है। सभी कागजात, बिल्टी आदि जब्त की है। सबसे अहम है कि सरकारी उपक्रम का नकली माल किसानों को बर्बाद कर रहा है।राजस्थान की जनता के लिए बड़ी खुशखबर, पंप स्टोरेज के 8 प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी, अब बिजली की नही होगी कमी
मंत्री ने मौके पर बुलाकर ली जानकारी
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुझे मौके पर बुलाया। मैंने कहा इफको का कोई रोल नहीं है। इफको के साथ पेरेरल काम किया जा रहा है। पाटन के पास स्थित फैक्टरी में माल के बारे में हमने बताया कि माल शत-प्रतिशत ओके है, लेकिन फैक्टरी का लाइसेंस एड नहीं है। माल की सप्लाई की चेन की जानकारी हम नहीं बता सकते हैं।निर्भय सिंह, चीफ एरिया मैनेजर (इफको) अजमेर