scriptमहाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक पुरातात्विक शिवलिंग का दर्शन करेंगे श्रद्धालु, देखें Photos | Patrika News
कोंडागांव

महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक पुरातात्विक शिवलिंग का दर्शन करेंगे श्रद्धालु, देखें Photos

Mahashivratri: आज गढधनौरा गोबरहिन एवं नारना ,गारका, बड़े खौली, ओडागांव, भोंगापाल, पावडा में भक्तों का भव्य मेला लगेगा वहीं सभी शिव मंदिरों में दर्शन पूजन करने वालों सुबह से तांता लगा रहेगा।

कोंडागांवFeb 26, 2025 / 03:03 pm

Laxmi Vishwakarma

Mahashivratri
1/6
Mahashivratri: केशकाल जिले के फरसगांव ब्लॉक में लगभग 5वीं-6वीं शताब्दी के अतिप्राचीन ऐतिहासिक पुरातात्विक शिवलिंग की एक श्रृंखला है। केशकाल से लगभग 3 कि.मि. की दूरी पर स्थित गढधनौरा गोबरहीन है। जहां पर ईंट के विशाल टिले पर खुले आसमान तले स्वयंभू भव्य शिवलिंग है। जिसे चमत्कारी शिवलिंग के तौर पर जाना जाता है और यह माना जाता है कि यहां पर श्रद्धाभाव लेकर आने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।
Mahashivratri
2/6
Mahashivratri: जिसके चलते बहुत दूर दूर से लोग यंहा अगाध आस्था संजोए आते रहते हैं। बारहों महीने यहां पर देशी विदेशी श्रद्धालु भक्त तथा पर्यटक आते ही रहते हैं। यहां पर बहुत दूर दूर तक पुरातात्विक पुरावशेष प्रचुर मात्रा में है जिन्हें देखकर आगंतुक यहां के इतिहास को जानना चाहते हैं पर विडंबना है कि यहां के बारे में किसी भी इतिहासकार ने कुछ खास नहीं लिखा है बस किवदंती ही है जिस पर भरोसा कर लेना भी सही नहीं माना जा सकता।
Mahashivratri
3/6
Mahashivratri: भगवान श्रीराम के वन गमन पर शोध करने वालों ने अपने शोध खोज में इसे श्रीराम वन गमन मार्ग से जोड़ते हुए यह प्रमाणित करने का प्रयास किया है कि, भगवान श्री राम अपनी अर्द्धांगिनी सीता एवं भाई लक्ष्मण के संग वनवास काल के दरम्यान यहां पधारे थे और अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा अराधना कर कुछ दिन विश्राम कर यहां से आगे प्रस्थान किए थे।
Mahashivratri
4/6
Mahashivratri: यहां पर एक ही स्थान पर स्थापित दो लिंग अपने आप में अद्वितीय है जिसे जोड़ा लिंग के तौर पर जाना जाता है। जिसे शिव और शक्ति का स्वरूप माना जाता हैं। गढधनौरा गोबरहिन में मिले अतिप्राचीन मंदिरों का भग्नावशेष और मूर्तियां यहां के स्वर्णिम इतिहास को सहेजकर रखी है जिसे देखकर लोग धार्मिक आस्था रखने वाले श्रद्धानत हो जाते हैं वहीं इतिहास एवं पुरातत्व पर रूचि रखने वाले बहुत ही प्रभावित होते हैं।
Mahashivratri
5/6
Mahashivratri: प्राचीन ऐतिहासिक पुरातात्विक धरोहर बतौर स्थापित स्वयंभू शिवलिंग स्थलों पर मेला लगने के सांथ ही सभी शिव मंदिरों में सुबह से श्रद्धालु शिवभक्तों का दर्शन पूजन हेतु तांता लगा रहेगा। बता दें कि श्रावणमास में कांवड़ियों का जत्था जलाभिषेक करने यहां बहुत दूर-दूर से पंहुचते रहते हैं।
Mahashivratri
6/6
Mahashivratri: नारना-बड़े खौली-ओडागांव-भोंगापाल में भी अति प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग है, जिसे भी गढ़ धनौरा गोबरहिन के शिवलिंग काल का ही माना जाता है। इन सभी स्थान पर विराजित शिवलिंग के स्वरूप को और वहां पर मिले प्राचीन पुरावशेषों को देखकर लोग बहुत आनंदित और प्रभावित होते हैं ।

Hindi News / Photo Gallery / Kondagaon / महाशिवरात्रि पर ऐतिहासिक पुरातात्विक शिवलिंग का दर्शन करेंगे श्रद्धालु, देखें Photos

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.