CG Electricity Bill: 2024 के मुकाबले 500 मेगावॉट ज्यादा
प्रदेश में जिस तरीके से
बिजली की मांग बढ़ रही है उससे केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का पूर्वानुमान कमजोर पडऩे लगा है। अप्रैल के महीने में जब तापमान 40 डिग्री को पार कर रहा है तब बिजली की खपत भी बढ़ गई है। अप्रैल के महीने में बिजली की अधिकतम मांग 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। यह स्थिति तब है जब मई का महीना बाकी है और जेठ की गर्मी आने वाली है।
ङ्क्षसचाई पंप ने बढ़ाई बिजली की मांग
प्रदेश में बिजली की मांग बढऩे का बड़ा कारण
औद्योगीकरण के साथ-साथ रबी फसल में धान की बोआई प्रमुख है। छत्तीसगढ़ के लगभग सभी जिलों में किसानों ने गर्मी में धान की फसल लगाई है। इसके लिए पानी की आपूर्ति के लिए किसान बिजली के पंप पर निर्भर हैं। इसका असर बिजली की मांग पर भी देखा जा रहा है।
2026-27 तक 7661 मेगावॉट तक की जरूरत
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण का अनुमान है कि वर्ष 2026-27 तक राज्य सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजाना 7661 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी। विद्युत प्राधिकरण का यह अनुमान आने वाले दो साल की मौजूदा मांग पर आधारित है। लेकिन इसी साल पीकऑवर में बिजली की खपत जब 6800 मेगावॉट के पार पहुंच गई है। तब अगले साल के लिए अभी से
बिजली विभाग यह आकलन कर रहा है कि 2025-26 तक प्रदेश सरकार की जरूरत कितनी होगी और इसकी पूर्ति कैसे की जाएगी। जो अनुमान निकलकर सामने आ रहे हैं उसके अनुसार प्रदेश सरकार को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 7500 मेगावॉट के आसपास बिजली की जरूरत होगी।
हर साल बढ़ रही है बिजली की मांग
वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ को अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए 3875 मेगावॉट बिजली की आवश्यकता पड़ी थी जो पांच साल बाद 2021-22 तक बढ़कर 5019 मेगावॉट हो गई। पांच वर्षों में बिजली की खपत में 1144 मेगावॉट की बढ़ोतरी पहुंच गई है जबकि 2021 से 2026 तक यानि पांच वर्षों के लिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ को 7661 मेगावॉट की जरूरत होगी। यानि 2022 से 2027 तक 2642 मेगावॉट की खपत बढ़ जाएगी। छत्तीसगढ़ बिजली वितरण कंपनी के एमडी भीम ङ्क्षसह ने कहा की प्रदेश में
बिजली की खपत अप्रैल में अधिकतम 6800 मेगावॉट तक पहुंची है। इसकी वजह गर्मी में बढ़ोतरी और इस सीजन में लगने वाली धान की ङ्क्षसचाई के लिए इलेक्ट्रिक पंप का चालू होना है। वितरण कंपनी ने आपूर्ति बनाए रखने के लिए कंपनियों से जो अनुबंध किया है उसके तहत बिजली मिल रही है और इसकी आपूर्ति प्रदेश में की जा रही है।