करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद पर्यटन स्थल पर पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाएं नदारद हैं। राशि स्वीकृत होने के बाद भी पर्यटन मंडल सतरेंगा में क्रूज को नहीं उतार सका है। पूर्व में शुरू की गई बोटिंग भी बंद हो गई है। इससे यहां आने वाले पर्यटक मायूस होकर लौट जाते हैं।
पर्यटन स्थल के आसपास गंदगी पसरी
जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सतरेंगा को
पर्यटन स्थल के तौर पर शासन-प्रशासन पिछले कई साल से विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए कई छोटी-बड़ी कार्ययोजना बनाई गई। पूर्व में स्पीड बोट, मोटर बोट उतारी गई थी। इसके बाद सरकार की योजना सतरेंगा में लगभग 250 सीटर क्रू उतराने की थी लेकिन प्रक्रिया टेंडर तक ही सिमट कर रह गई है।
सतरेंगा हसदेव नदी पर स्थित मिनी माता बांगो बांध परियोजना का डूबान क्षेत्र है। घने जंगल और प्रकृति की सुंदरता व मनमोहक नजारा यहां से नजर आता है। प्रशासन ने कहा था कि यहां पर अपार जल होने के कारण क्रूज को चलाने में दिक्कत नहीं होगी। क्रूज सतरेंगा से चलकर पर्यटन स्थल बुका और टिहरीसराई तक जाएगी। सतरेंगा में वर्तमान की अव्यवस्था से जिला मुख्यालय से सतरेंगा जाने वाले लोग भी संतुष्ट नहीं हो रहे हैं। पर्यटन स्थल के आसपास गंदगी पसरी हुई है। बच्चों के मनोरंजन के लिए बनाया गया पार्क की स्थिति बेहद खराब है। दोपहर में भोजन के लिए यहां कोई होटल भी मौजूद नहीं है।
Korba News: वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर बंद
वर्तमान में सतरेंगा को पर्यटन के तौर पर विकसित करने के लिए वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर स्पोर्ट्स के साथ-साथ नौका विहार की सुविधा प्रारंभ की गई थी। पर्यटकों को लुभाने के लिए प्रशासन की ओर से 20 सीटर फ्लोटिंग जेटी की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। सतरेंगा में पर्यटकों को ठहराने के लिए पांच रिसॉर्ट का निर्माण प्रशासन की ओर से कराया गया है।