नमी रहती है बरकरार, कम खपत से अधिक देखभाल
जिले में नवाचार के लिए यह स्कूल अब प्रेरणा बन गया है। शिक्षक श्रीकांत ने बताया कि बच्चों को मार्गदर्शन देकर उन्हें पढ़ाया जा रहा है। बच्चों ने जब यह परेशानी बताई तो शहर से बॉटल लेकर शिक्षक श्रीकांत गांव आए। गांव में उन्होनें हर पौधे पर एक-एक बोतल लगा दिया।
गिरते भू जल स्तर और पानी की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमनें बच्चों के साथ मिलकर अपना ड्रिप सिस्टम बनाया है। इससे पानी की कम खपत से अधिक से अधिक पौधों की देखभाल की जा सकती है या कह सकते कि जमीन की नमी बरकरार रखी जा सकती है। केवल और केवल कुछ मात्रा में पानी लेकर हम पौधों को जीवित रखने की कोशिशों में लगे हैं। इसके लिए मेडिकल वेस्ट ग्लूकोज बोतल, पाइप, कुछ मात्रा में रुई और लकड़ी के स्टैंड के सहारे हमनें अपना देशी ड्रिप सिस्टम इजात किया है आज की स्थिति में 53 पौधों में ड्रिप सिस्टम लगाया है। लगभग 10 पौधे और बच गए हैं जिनपर यह लगना बाकी है। जिसे बहुत ही जल्दी पूरा भी कर लिया जायेगा। इस कार्य में हमारे सफाई कर्मचारी या कह सकते हैं हमारे इंजीनियर समय दास और हमारे नन्हें वृक्षमित्र जी जान से लगे हुए हैं