CG School Open 2025: जिले में लगभग 300 निजी स्कूल संचालित
जिले में लगभग 300 निजी स्कूल संचालित हैं। इन स्कूल और विभिन्न कंपनियों में कार्यकर कर्मचारियाें के बच्चों की पढ़ाई के दौरान पर्याप्त सुविधा के लिए स्कूल बसों का परिचालन किया जा रहा है। लेकिन कुछ स्कूल व कंपनियां बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जाती है। कंडम, गाइडलाइन के विपरित बच्चों को बसों में बैठाकर स्कूल से घर आवाजाही कराई जाती है। इस दौरान बच्चों को काफी असुविधा होती है।
मापदंड के विपरित चल रही गाड़ियां पहले भी कई बार दुर्घटना का शिकार हुई है। इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि हर साल शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से
जिला परिवहन विभाग की ओर से स्कूल बसों की जांच की जाती है। लेकिन इस बार अभी तक स्कूलों बसों की जांच को लेकर पहल नहीं की गई है। जबकि स्कूल खुलने में अब लगभग दो से तीन दिन ही शेष रह गए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल भी इस तरह के हादसे हुए हैं।मापदंड के विपरीत दौड़ रही स्कूली बसें पहले भी हो चुकी है दुर्घटना
छात्र-छात्राओं को होगी परेशानी
बताया जा रहा है कि स्कूल बसों की जांच उच्चतम न्यायालय के गाइडलाइन के अनुसार बस में सीसीटीवी कैमरा, जीपीआरएस ट्रैकर, अग्निशमन यंत्र, मेडिकल किट, बस का परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण वैधता प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बस की खिड़की में तीन पाइप होनी चाहिए, जिससे बच्चा सिर बाहर नहीं निकाल पाए, बस के पीछे स्कूल के नाम और मोबाइल नंबर का उल्लेख, बस का रंग पीला, स्पीड गर्वनर, चालक का
पुलिस वेरिफिकेशन सहित कई बिंदुओं पर जांच की जाएगी। ताकि स्कूल बसों से बच्चों के आवाजाही के दौरान किसी तरह की अनहोनी नहीं हो और बच्चों को सुरक्षित लाना ले जान किया जा सके।
कई बसें हैं अनफिट
शासन की ओर से स्कूल संचालकों को स्कूल बसों के परिचालन के लिए कर में छूट दी जाती है। ताकि स्कूली बच्चों के अभिभावकों पर आर्थिक बोझ न पडे़। लेकिन कई स्कूल संचालक इसका फायदा उठा रहे हैं और अभिभावकों से बस किराया के नाम पर कम दूरी के लिए भी अधिक किराया वसूल किया जा रहा है।