Rajasthan Monsoon: तेज बारिश से बाढ़ जैसे हालात, सड़कें लबालब, उफान पर आई नदियां, 3 की मौत, हाई अलर्ट जारी
मानसून की तेज बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर हो गए हैं। कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां में भारी बारिश से स्कूल बंद कर दिए सड़कें जलमग्न हो गई और नदियां उफान पर आ गई हैं। एक मंदबुद्धि और 2 सगी बहनों समेत 3 की मौत की खबर सामने आई है।
3 Died In Flood Like Situation: कोटा जिले में शुक्रवार को सुबह से रात तक बारिश का दौर जारी रहा। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। शहर में सुबह करीब 10:30 बजे तेज बारिश शुरू हुई, जो दोपहर 12 बजे तक जारी रही। इसके बाद फिर शुरू हुई और रात 9 बजे तक बारिश होती रही।
बारिश के कारण चन्द्रलोई नदी में उफान आ गया, जिससे कैथून कस्बे का कोटा से संपर्क कट गया। जिला प्रशासन ने निचली बस्तियों रामनगर कच्ची बस्ती, मीरा बस्ती, मवासा रोड को खाली करवाया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया। पुलिस ने नदी के आसपास तथा नालों के किनारे सतर्कता के साथ पेट्रोलिंग की।
स्कूलों में अवकाश घोषित
भारी बारिश की वजह से शनिवार को कोटा जिले के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, हालांकि शिक्षक और स्टाफ उपस्थित रहेंगे। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोटा में 38.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिसमें से 32.4 मिमी सुबह 8:30 से शाम 5:30 बजे तक हुई।
स्कूलों में घोषित अवकाश (फोटो: पत्रिका) जिले के कनवास में 27 एमएम, खातौली में 46 एमएम, लाडपुरा में 3 एमएम, मंडाना 45 एमएम, पीपल्दा 66 एमएम, रामगंजमंडी 14 एमएम, सांगोद 5 एमएम, सुल्तानपुर 10 एमएम बारिश दर्ज की गई। इधर, कोटा बैराज के तीन गेट खोले गए और लगभग 23,340 क्यूसेक पानी डस्चार्ज किया गया।
तालाब की पाल टूटी, 3 बच्चे सहित 6 फंसे
कुंभलगढ़ मुख्यालय क्षेत्र में शुक्रवार को तेज बारिश के कारण कणुजा तालाब की पाल टूट गई, जिसकी चपेट में एक जीप आ गई। इसमें तीन स्कूली बच्चे और चालक ढाई घंटे तक फंसे रहे वहीं दो अन्य युवक भी तालाब के बहाव में पेड़ पर फंस गए। बाद में इन्हें रेस्क्यू कर निकाला गया। इसी बीच वरदा ग्राम पंचायत में पुलिया पर पानी के तेज बहाव में बहने से मंदबुद्धि महिला नंदूबाई भील की मौके पर मौत हो गई।
6 बच्चे फंसे (फोटो: पत्रिका)
कोटा शहर में यहां जलभराव
कोटा शहर में कई कॉलोनियों में जलभराव के हालात हो गए। कोटा उत्तर निगम के वार्ड 30, पीपली चौराहा और श्रीराम कॉलोनी में मकानों के बाहर करीब एक फुट पानी जमा हो गया।
एमबीएस अस्पताल की नई ओपीडी बिल्डिंग की लिफ्ट में पानी भर जाने के कारण उसे बंद करना पड़ा, बाद में स्टाफ ने पंप लगाकर पानी निकाला।
प्रेमनगर क्षेत्र में नाले उफान पर आने से सड़कों पर पानी बहने लगा और क्षेत्रों की सड़कें नदियों में बदल गईं।
जनजीवन प्रभावित
कैथून में लगातार हो रही हल्की व तेज बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। चन्द्रलोई नदी के उफान पर आने से कोटा रोड का यातायात शाम 7 बजे से बंद कर दिया, क्योंकि नदी की पुलिया पर लगभग चार फीट पानी बह रहा था। इटावा व आसपास के गांवों में तीन इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई।
बूंदी जिले में सावन की बारिश से कई बांध लबालब हो गए। नैनवां में दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक 8 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण नैनवां-जयपुर-टोंक-सवाईमाधोपुर मार्ग दो घंटे बंद रहा।
बूंदी में बाढ़ जैसी हालत (फोटो: पत्रिका)झालावाड़ जिले में तीन दिनों से सावन की झड़ी जारी है। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक झालरापाटन में 61 एमएम बारिश, झालावाड़ में 37 एमएम, रायपुर में 31 एमएम दर्ज हुई। धानोदा कला गांव की एक खाल पर बहकर बाइक गिर गई। अकलेरा में तालाब की दीवार क्षतिग्रस्त हुई।
रपट पर बाइकचलाता युवक (फोटो: पत्रिका)बारां जिले में अटरू क्षेत्र में सर्वाधिक 114 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिसके कारण बराना स्टेट हाईवे बंद हो गया। नदी-नाले उफान पर आ गए और बांधों की पानी की आवक अधिक हुई।
रामेश्वर वॉटरफॉल में पानी की आवक (फोटो: पत्रिका)
2 सगी बहनों की मौत
बीकानेर के श्रीकोलायत मंडाल गांव के चक कन्या बंधा में गुरुवार शाम दर्दनाक हादसे में दो सगी बहनों की मौत हो गई। बारिश के पानी में खेलते हुए गहरे गड्ढे में डूबने से सरला (9) और अवनी (6) की जान चली गई। तीसरी बच्ची वीणा, जो उनके साथ खेल रही थी, उन्हें बचाने की कोशिश में नाकाम रही। हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
बारिश में भीगते लोग (फोटो: पत्रिका)
जैसलमेर: पोकरण, रामदेवरा, मोहनगढ़ व नाचना में बारिश
जैसलमेर जिले में शुक्रवार को मौसम ने अचानक करवट ली। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही आसमान में बादलों की आवाजाही रही और दोपहर बाद कई क्षेत्रों में तेज बारिश ने दस्तक दी। पोकरण, रामदेवरा, मोहनगढ़ व नाचना कस्बे में बारिश का दौर चला। वहीं कई इलाकों में जनजीवन भी प्रभावित हुआ।
धौलपुर: उर्मिला सागर बांध लबालब, सुरक्षा की दृष्टि से नेशनल हाईवे 11बी को खानपुरा मोड़ के पास से काट दिया है। मोरेल बांध (फोटो: पत्रिका)दौसा: मोरेल बांध पर शुक्रवार को चादर चलना शुरू हो गई। इससे किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। मोरेल एशिया का सबसे बड़ा कच्चा डेम है। राजसमंद: कुंभलगढ़ से सायरा, कड़िया, ओड़ा से कोदर और बड़गांव से नाथद्वारा मार्ग घंटों बंद रहे। एनएच 162 ई क्षतिग्रस्त।
देसूरी: बाणियावास, बोमादड़ा पिकअप वियर, राजपुरा व सेली की नाल बांध ओवरफ्लो हो गए। तेज बरसात के कारण रणकपुर मार्ग भी एक बार बंद हो गया।
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