रायपुरा क्षेत्र के संस्कार आंगन निवासी समाचार पत्र वितरक मुकेश गुप्ता के बेटे हर्ष गुप्ता सीए बन गए। हर्ष ने बताया कि वह क्रिकेटर बनना चाहते थे, भारत के लिए खेलना चाहते थे और उन्होंने कोटा का तीन बार राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में प्रतिनिधित्व किया। हर्ष क्रिकेट को लेकर इतने जुनूनी थे कि वह 11वीं कक्षा में दिल्ली गए और अकादमी में दाखिला लिया। इसी दौरान उनके अकाउंट्स के टीचर पीयूष ने उनकी कला को पहचाना और हौसला बढ़ाया। 12वीं कॉमर्स में अच्छे अंक प्राप्त हुए, तब उन्होंने अपना दाखिला दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी कॉलेज में करवाया।
हर्ष के मामा के बेटे ने सीए करने के लिए प्रोत्साहित किया। हर्ष का रुझान एमबीए में ज़्यादा था, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्होंने सीए करने की ठानी। पिता मुकेश गुप्ता, माता हेमा गुप्ता के संघर्ष और हर्ष के कठिन परिश्रम का नतीजा कुछ यूं रहा कि हर्ष ने पहली ही बारी में सीए परीक्षा के सभी एग्जाम एक ही बार में क्लियर कर लिए। वह उनके परिवार में पहले सीए हैं। परिणाम जारी होते ही घर में खुशी का माहौल छा गया और बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा। हर्ष प्रतिदिन 11 घंटे अध्ययन करते हैं। हर्ष ने बताया कि परिवार के सभी सदस्यों ने हमेशा प्रेरित किया और हौसला बढ़ाया। हर्ष के दादा भी सीए थे।