विशेषज्ञों का मानना है कि कोटा में एम्स खुलता है तो जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में मरीजों का दबाव कम होगा और मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। आईटी पार्क की मांग भी अर्से से उठाई जा रही है। आईटी पार्क की स्थापना से कोटा में आईटी आधारित बड़ी संख्या में उद्योग लग सकेंगे। इससे रोजगार सृजन होगा।
आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. अशोक शारदा व आईएमए कोटा के सचिव डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के हेल्थकेयर को और अधिक किफायती बनाने के लिए मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने पर विचार किया जा सकता है। इस कदम से कोटा के चिकित्सा क्षेत्र को लाभ हो सकता है, जिससे यह रोगियों के लिए अफोर्डेबल, अधिक प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बन सकता है। साथ ही केंद्र सरकार को मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
कोटा में फार्मा पार्क खुले
देश में चार बल्क ड्रग्स पार्क (फार्मा पार्क) खोले जाना प्रस्तावित है। केन्द्रीय बजट में इसमें कोटा में बल्क ड्रग्स पार्क की घोषणा की उम्मीद है। एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल का कहना है कि भारत माला परियोजना में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से सटे औद्योगिक क्षेत्र को बल्क ड्रग्स पार्क (फार्मा पार्क) के रूप में विकसित करने के लिए अनुकूल माना गया है। रीको ने पार्क विकसित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र को भेज रखा है। ऐसे में केन्द्र सरकार की ओर से बजट में इसकी घोषणा होनी चाहिए। इसमें तीन हजार करोड़ के निवेश की संभावना है। इसके शुरू होने के बाद 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। साथ ही, कोटा में इण्डस्ट्रिलय कॉरिडोर की घोषणा की उम्मीद है।
परवन सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय दर्जा मिले
केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से पीकेसी-ईआरसीपी (रामजल सेतु लिंक परियोजना) पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए विशेष बजट भी दिया जा चुका है। हाड़ौती की सबसे अहम सिंचाई परियोजना परवन है। परवन वृहद सिंचाई परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग उठ रही है। किसान नेता दशरथ कुमार का कहना है कि परवन सिंचाई परियोजना हाड़ौती के लिए वरदान साबित होगी। इसलिए इस परियोजना को केन्द्रीय राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाना चाहिए। झालावाड़, बारां और कोटा के लिए महत्वपूर्ण इस परियोजना को मिलने वाली राशि से किसानों, आमजन व उद्योगों को लाभ मिलेगा। परवन वृहद सिंचाई परियोजना में 7500 करोड़ रुपए का बजट है। इसमें से मुआवजा सहित अन्य कार्यों पर 4 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। अभी भी करीब 3500 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट में खर्च होने हैं। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए मिले बजट
एयरपोर्ट कोटा का सबसे बड़ा मुद्दा माना जाता है। डबल इंजन की सरकार बनने के बाद ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की पत्रावली सुपर स्पीड से चल रही है। ज्यादातर विभागों से क्लीयरेंस मिल चुकी है। डीपीआर तैयार हो गई है। जल्द डीपीआर की मंजूरी की संभावना है। केन्द्रीय बजट में एयरपोर्ट के लिए बजट मिलने की उम्मीद है। इसमें करीब एक हजार करोड़ की लागत आने की संभावना है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न तरह के ब्याज की छूट सीमा को बढाने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नए स्टार्टअप के लिए टैक्स सिस्टम के लिए कोई स्कीम की घोषणा करने, जीएसटी में रजिस्ट्रेशन लेने की सीमा गुड्स के लिए 50 लाख और सर्विस के लिए 25 लाख करने तथा नया डायरेक्ट टैक्स कोड 1 अप्रेल 2026 से प्रस्तावित की उम्मीद है। इसके तहत इनकम टैक्स का व्यापक सरलीकरण किया जाएगा।